
Lucknow-Kanpur Rapid Rail (फोटो सोर्स : Whatsapp )
Lucknow Kanpur Rapid Rail: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक शहर कानपुर के बीच यात्रा करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब दोनों शहरों के बीच का सफर बेहद तेज़ और आरामदायक होने जा रहा है। योगी सरकार ने लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है, जिससे अब इन दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल 40 मिनट में तय की जा सकेगी।
इस परियोजना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) तैयार कर रहा है, जिसने हाल ही में शासन को प्रस्ताव भेजा था। शासन ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। अब परियोजना का अगला चरण यानी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) और तकनीकी सर्वेक्षण, NCRTC की ओर से शुरू किया जाएगा।
वर्तमान में लखनऊ से कानपुर की यात्रा सड़क मार्ग से करने में लगभग दो घंटे का समय लगता है। हाईवे पर ट्रैफिक और जाम की स्थिति को देखते हुए रोजाना अप-डाउन करने वाले यात्रियों के लिए यह सफर चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन रैपिड रेल शुरू होने के बाद यही दूरी सिर्फ 40 मिनट में पूरी की जा सकेगी। अर्थात, अब लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक का सफर दिल्ली-मेरठ की तर्ज पर सुपरफास्ट रैपिड ट्रेन से संभव होगा। यह परियोजना दोनों शहरों के बीच के औद्योगिक और आर्थिक रिश्तों को नई दिशा देगी।
NCRTC द्वारा तैयार किए गए प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार यह रैपिड रेल कॉरिडोर कुल 67 किलोमीटर लंबा होगा। इसे “नमो भारत कॉरिडोर” नाम दिया गया है। इसमें तीन प्रमुख जिले शामिल होंगे। लखनऊ, उन्नाव, और कानपुर। रेल कॉरिडोर का प्रारंभिक रूट शासन द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। अब इस परियोजना के लिए विस्तृत सर्वेक्षण, भू-तकनीकी अध्ययन और वित्तीय योजना तैयार की जाएगी।
रैपिड रेल का प्रारंभिक स्टेशन अमौसी एयरपोर्ट (लखनऊ) में प्रस्तावित है। वहां से यह ट्रेन उन्नाव जिले के रास्ते कानपुर सेंट्रल तक जाएगी। इस पूरे मार्ग पर ट्रेन की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, रैपिड रेल के डिब्बे अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगे- जिनमें एयर-कंडीशनिंग, वाई-फाई, जीपीएस ट्रैकिंग और स्वचालित सुरक्षा प्रणालियाँ शामिल होंगी। इससे यह यात्रा न केवल तेज़ बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी होगी।
योगी सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद अब यह परियोजना अपने अगले चरण में प्रवेश कर गई है। जानकारी के अनुसार, शासन ने रैपिड रेल के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने तकनीकी और वित्तीय पहलुओं का अध्ययन करने के बाद परियोजना को मंजूरी देने की सिफारिश की। अब यह कमेटी लखनऊ, उन्नाव और कानपुर के विकास प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करने और स्थानीय अड़चनों को दूर करने का काम करेगी, ताकि निर्माण प्रक्रिया में कोई देरी न हो।
एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) इस परियोजना की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करेगा। डीपीआर में निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा -
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश की पहली इंटरसिटी रैपिड रेल परियोजना होगी। इससे पहले एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल को सफलतापूर्वक शुरू किया है।
अब वही मॉडल यूपी के भीतर लागू किया जा रहा है। यह कॉरिडोर न केवल दो बड़े शहरों को जोड़ेगा, बल्कि इनके बीच बसे उन्नाव, बिठूर और औद्योगिक क्षेत्रों में विकास के नए अवसर भी पैदा करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस कॉरिडोर के शुरू होने से प्रतिदिन लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी और सड़क यातायात पर दबाव कम होगा।
रैपिड रेल परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। निर्माण चरण में इंजीनियरिंग, सर्वे, सिविल, इलेक्ट्रिकल और सिग्नलिंग से जुड़े हज़ारों लोगों को रोजगार मिलेगा। परियोजना शुरू होने के बाद इसके संचालन, रखरखाव और स्टेशन प्रबंधन में भी स्थायी नौकरियां सृजित होंगी। इसके अलावा, लखनऊ और कानपुर के बीच औद्योगिक क्षेत्र, शिक्षा संस्थान और आईटी कंपनियां भी इस तेज़ कनेक्टिविटी का लाभ उठाकर अपने दायरे का विस्तार कर सकेंगी।
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को भी बदल देगी। यह कॉरिडोर पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच एक स्ट्रैटेजिक लिंक के रूप में काम करेगा। भविष्य में यह रेल नेटवर्क वाराणसी, प्रयागराज और नोएडा को भी जोड़ने की दिशा में विस्तार पा सकता है।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योगी सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय को न्यूनतम किया जाए। लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल इसी दृष्टिकोण का हिस्सा है। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी। वहीं, परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की तरह उत्तर प्रदेश में आधुनिक शहरी परिवहन का नया मानक स्थापित करेगा।
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल परियोजना न केवल यात्रा को तेज बनाएगी, बल्कि प्रदेश की शहरी परिवहन नीति में ऐतिहासिक सुधार लेकर आएगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां राजधानी और औद्योगिक शहर के बीच रैपिड रेल कनेक्टिविटी होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नए भारत, नए ट्रांसपोर्ट सिस्टम” के विज़न और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “कनेक्टिव यूपी” मिशन की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।
Updated on:
10 Oct 2025 01:34 pm
Published on:
10 Oct 2025 01:01 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
