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UP में सड़कों की गुणवत्ता पर बड़ा एक्शन – पीडब्ल्यूडी करेगा राज्यव्यापी निरीक्षण अभियान

UP PWD Launched State Wide Road Quality Inspection Drive: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पूरे प्रदेश में सड़कों के पैच वर्क और गड्ढामुक्त अभियान की गुणवत्ता जांच शुरू की है। इसके लिए 68 वरिष्ठ अभियंताओं को विभिन्न जिलों में भेजा गया है, जो दो दिनों तक सड़कों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देंगे।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 10, 2025

प्रदेशभर में सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी -पीडब्ल्यूडी विभाग करेगा पैच वर्क का परीक्षण (फोटो सोर्स : Whatsapp)

प्रदेशभर में सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी -पीडब्ल्यूडी विभाग करेगा पैच वर्क का परीक्षण (फोटो सोर्स : Whatsapp)

UP PWD : उत्तर प्रदेश सरकार अब सड़कों की गुणवत्ता और गड्ढामुक्त अभियान की वास्तविकता को परखने के लिए जमीनी स्तर पर एक बड़ा निरीक्षण अभियान शुरू करने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) प्रदेश के सभी जिलों में सड़कों पर किए गए पैच वर्क और गड्ढा मुक्ति कार्यों की गहन जांच कराएगा। इस संबंध में विभाग ने अभियंताओं की एक विस्तृत सूची जारी की है और निरीक्षण की ज़िम्मेदारी वरिष्ठ अभियंताओं को सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में यह पहल की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदेश की सड़कें वाकई गड्ढा मुक्त हों और विभागीय कार्यों की गुणवत्ता में कोई कमी न रह जाए। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग अजय चौहान ने बताया कि निरीक्षण कार्य के लिए मुख्य अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता स्तर के कुल 68 अधिकारियों को नामित किया गया है। ये अधिकारी दो दिनों - 9 अक्टूबर और 10 अक्टूबर - के दौरान अपने-अपने आवंटित जनपदों में पहुंचकर सड़कों के कार्यों का परीक्षण कर रहे हैं।

सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना

प्रमुख सचिव चौहान ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह है कि सड़कों पर किए गए पैच मरम्मत, गड्ढा मुक्त तथा विशेष मरम्मत के कार्यों की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके। प्रत्येक खंड में कम से कम पाँच “आगणनों” (road sections) का चयन रैंडम आधार पर किया जाएगा, जहां निरीक्षण अधिकारी स्थल पर जाकर कार्य की गुणवत्ता, मोटाई, सामग्री और मानकों की जांच करेंगे। निरीक्षण के दौरान अभियंताओं को यह भी देखना होगा कि कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरे किए गए हैं या नहीं, तथा सड़क निर्माण या मरम्मत में प्रयुक्त सामग्री विभागीय मानकों के अनुरूप है या नहीं।

10 अक्टूबर की शाम तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश

विभाग ने सभी नामित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने निरीक्षण के बाद 10 अक्टूबर की शाम तक अपनी विस्तृत रिपोर्ट (आख्या) लखनऊ स्थित मुख्य अभियंता (मुख्यालय-1), लोक निर्माण विभाग को भेजें। यह रिपोर्ट डिजिटल और प्रिंट दोनों माध्यमों में प्रस्तुत की जाएगी ताकि आगे की समीक्षा बैठक में इसका विश्लेषण किया जा सके। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्यवाही तय करेगी - जिन जिलों या खंडों में कार्य की गुणवत्ता असंतोषजनक पाई जाएगी, वहां ज़िम्मेदार ठेकेदारों और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त अभियान पर सख़्ती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में समीक्षा बैठकों में यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त रखने में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा था कि “सड़कें राज्य की अर्थव्यवस्था और जनता की सुविधा का आधार हैं। यदि सड़कें दुरुस्त नहीं होंगी तो विकास कार्यों की गति भी प्रभावित होगी।”

इसी दिशा में लोक निर्माण विभाग ने अब एक प्रणालीगत समीक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण अभियान की शुरुआत की है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार है जब पूरे प्रदेश में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा फील्ड स्तर पर रैंडम निरीक्षण कराया जा रहा है।

प्रदेश के सभी मंडलों में अधिकारी तैनात

जारी सूची के अनुसार 68 वरिष्ठ अभियंता अलग-अलग जिलों में भेजे गए हैं। प्रत्येक अधिकारी को दो दिनों के लिए एक या एक से अधिक जिलों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, झांसी, आगरा, बरेली और मुरादाबाद मंडलों सहित सभी क्षेत्रों में निरीक्षण दल पहुंच चुके हैं।

प्रत्येक निरीक्षण दल को अपने-अपने जिलों में सड़क खंडवार पैच वर्क, गड्ढा मरम्मत और विशेष मरम्मत कार्यों का भौतिक सत्यापन करना है। निरीक्षण के दौरान स्थानीय अभियंता, सहायक अभियंता और जूनियर अभियंता भी उपस्थित रहेंगे ताकि मौके पर पाए गए कमियों को तुरंत सुधारा जा सके।

गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया

  • विभागीय मानकों के अनुसार, निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं की जांच की जा रही है-
  • सड़क की सतह की स्थिति: गड्ढे, दरारें, असमानता आदि की उपस्थिति।
  • पैच वर्क की गुणवत्ता: मरम्मत में प्रयुक्त बिटुमिनस मिश्रण की मोटाई और मजबूती।
  • ड्रेनेज व्यवस्था: जल निकासी की स्थिति और ढलान की सही व्यवस्था।
  • निर्माण सामग्री का स्रोत और गुणवत्ता प्रमाणपत्र।
  • कार्य की समयसीमा और अनुबंध की अनुपालना।

इन सभी पहलुओं पर अंक आधारित मूल्यांकन किया जा रहा है, ताकि बाद में आंकड़ों के रूप में समीक्षा की जा सके।

डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से रिपोर्टिंग

मुख्य अभियंता (मुख्यालय-1) कार्यालय ने बताया कि सभी निरीक्षण दलों को एक ऑनलाइन रिपोर्टिंग पोर्टल भी उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से वे अपने निरीक्षण स्थल की तस्वीरें, वीडियो और लोकेशन टैग के साथ डेटा अपलोड करेंगे। इससे रिपोर्ट की पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी प्रकार की मानवीय हेराफेरी की संभावना नहीं रहेगी। विभाग का कहना है कि निरीक्षण की यह प्रक्रिया भविष्य में भी समय-समय पर दोहराई जाएगी ताकि सड़कों की गुणवत्ता लगातार बेहतर बनी रहे।

जनता की शिकायतों पर भी होगी कार्रवाई

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निरीक्षण के अलावा, जिन जिलों में सड़क कार्यों को लेकर जनता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उन स्थानों को विशेष रूप से जांच सूची में शामिल किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल विभागीय कार्यों की समीक्षा करना है बल्कि नागरिकों के अनुभवों और शिकायतों को भी गंभीरता से लेना है।

ठेकेदारों और अधिकारियों पर सख्त निगरानी

लोक निर्माण विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी निरीक्षण में कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई जाती या मानकों से कम सामग्री का उपयोग पाया जाता है, तो संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ अनुबंध रद्द करने, ब्लैकलिस्ट करने और आर्थिक दंड लगाने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी।

विभागीय सूत्रों के अनुसार निरीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सभी मंडलों की संयुक्त समीक्षा की जाएगी। इसके बाद अगले चरण में विशेष सुधार अभियान चलाने की योजना है, जिसमें खराब पाए गए सड़कों की दोबारा मरम्मत और गुणवत्ता सुधार के आदेश दिए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि यह पूरा अभियान मुख्यमंत्री के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत शासन की सभी योजनाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “जनता को अच्छी सड़कें देना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस निरीक्षण का उद्देश्य केवल कमियां ढूंढना नहीं, बल्कि सिस्टम को और मजबूत बनाना है ताकि भविष्य में किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता न हो।”