CG Paddy Procurement: पिछले दिनों मिलरों ने रेक न मिल पाने व जगह के अभाव को लेकर जिला प्रशासन व शासन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं दिखा। स्थिति जस की तस बनी हुई है।
CG Paddy Procurement: पिछले खरीफ सीजन में धान खरीदी शुरू होने के साथ ही साथ कस्टम मिलिंग का का कार्य भी शुरू हो गया था। मिलरों को पिछले कस्टम मिलिंग का चावल जमा करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय है।
इस स्थिति में देखा जाए तो सितंबर माह में गिने चुने दिन शेष हैं। इसके बाद अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में भी कई अवकाश पड़ रहे हैं।
सिर्फ रायगढ़ डिपो में रायगढ़ व सारंगढ़ जिले के मिलरों को प्रदाय धान के एवज में 20 लाख एमटी चावल जमा करना शेष है इसके लिए डिपो में 1206 स्टेक की जरूरत पड़ेगी और 120.6 स्टेक के लिए गोदाम में जगह बनाने करीब 75 रेक की आवश्यक्ता बताई जा रही है। CG Paddy Procurement लेकिन हर रोज एक रेक मिलने के बाद भी दिसंबर के अंत तक 75 रैक नहीं मिल पाने की बात कही जा रही है।
ऐसी स्थिति में इस बार फिर से नवंबर में नई खरीदी शुरू हो जाएगी और कस्टम मिलिंग के पुराने सीजन का चावल जमा नहीं हुआ रहेगा। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सभी तथ्यों से एफसीआई, खाद्य विभाग व अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी अनजान नहीं है इसके बाद भी चावल जमा कराने के लिए सख्ती नहीं बरती जा रही है।
जिले के कई मिलों में उपार्जन केंद्र से प्रदाय किए गए है। CG Paddy Procurement उक्त धान व कस्टम मिलिंग के बाद बचे चावल की क्या स्थिति है इसको लेकर न तो मिलों में सत्यापन किया जा रहा है न ही एफसीआई के गोदामों में जगह बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
CG Paddy Procurement: कस्टम मिलिंग का चावल इस बार फिर से प्रशासन के लिए समस्या बनती हुई नजर आ रही है। एफसीआई के सिर्फ रायगढ़ डिपो की बात करें तो यहां न तो गोदाम में स्टैंक के लिए पर्याप्त जगह है न ही पर्याप्त संख्या में रेक लग रही है, जिसके कारण अभी भी करीब 20 लाख एमटी चावल जमा होना शेष है।