रायपुर

16 की जगह 46 नक्सली मारे जा सकते थे.. ये 2 बड़ी गलतियों से 30 बचकर भागे, जानें कैसे

Naxal Encounter: नक्सलियों की ओडिशा राज्य कमेटी ने गरियाबंद मुठभेड़ में 16 साथियों के मारे जाने की पुष्टि की है। नक्सलियों ने फोर्स के चक्रव्यूह में फंसने के पीछे खुद की 2 बड़ी गलतियां गिनाई।

3 min read
Feb 08, 2025

Naxal Encounter: नक्सलियों की ओडिशा राज्य कमेटी ने गरियाबंद मुठभेड़ में 16 साथियों के मारे जाने की पुष्टि की है। नक्सलियों ने फोर्स के चक्रव्यूह में फंसने के पीछे खुद की 2 बड़ी गलतियां गिनाई। यह दावा भी किया है कि उनके 30 साथी सुरक्षित बच निकले। मतलब फोर्स का चक्रव्यूह और मजबूत होता तो सभी 46 नक्सली मारे जा सकते थे। ऐसे में यह छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर हो सकता था।

16 नक्सलियों की मौत पर ओडिशा राज्य कमेटी से प्रवक्ता चक्रा ने 2 बड़ी गलतियां बताते हुए कहा है कि गांववालों ने उन्हें देख लिया था। उन्हें अपना ठिकाना बदल लेना था। ऐसा नहीं किया। कमेटी के मुताबिक, दूसरी बड़ी गलती 2 नालों के बीच जाना था। फोर्स ने योजनाबद्ध तरीके से 2 किमी लंबी-चौड़ी घेराबंदी का चक्रव्यूह बनाकर उन्हें यहां समेट दिया था। वे इसे भांप नहीं पाए। कमेटी ने हमले में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के मेंबर जयराम उर्फ चलपति के मारे जाने की बात भी कबूल की है।

देश में पहली बार सीसी मेंबर का मारा जाना बड़ी उपलब्धि

जनवरी में हुई मुठभेड़ गरियाबंद जिले में फोर्स की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है। एक करोड़ के इनामी नक्सली सीसीएम चलपति का मारा जाना भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि थी। नक्सलियों ने 30 साथियों के बच निकलने का दावा किया है। फोर्स के चक्रव्यूह में अगर ये भी फंस जाते, तो यह देश का अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन हो सकता था।

नक्सलियों ने प्रेस नोट में दावा किया है कि धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन में आंदोलन को नेतृत्व देने वाला कोर अभी भी एक्टिव है। दूसरी ओर गरियाबंद पुलिस ने भी दावा किया है कि केंद्र और राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जिले को हर हाल में नक्सल मुक्त बनाकर रहेंगे।

नक्सलियों की सूची में 3 नए नाम, एक अज्ञात की पहचान

पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए 16 में से 15 नक्सलियों की शिनाख्त की थी। वहीं एक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। नक्सलियों की ओर से जारी सूचना में जो नाम गिनाए गए हैं, उनमें तीन नाम पुलिस की सूची से अलग हैं। जैसे पुलिस की ओर से जारी लिस्ट में मंजू, कमलू और बिमला नाम हैं, जबकि नक्सलियों की लिस्ट में इसकी जगह निर्मला, जनीला, मोहन और रवि नाम देखने मिलते हैं। संभवत: तीन नक्सलियों की शिनाख्त सही तरीके से न हो पाई हो और चौथा नाम उस नक्सली का होगा जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई थी।

मरने वालों में एक सेंट्रल, 3 स्टेट, 7 एरिया, 5 पार्टी मेंबर

मिली जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे 16 नक्सलियों में एक सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। तीन ओडिशा राज्य कमेटी के सदस्य थे। सात एरिया कमेटी के सदस्य थे, जबकि 5 पार्टी मेंबर थे, जो अलग-अलग नक्सलियों की सुरक्षा में तैनात थे।

कमेटी के मुताबिक, ऐसे हुआ था अटैक…

ओडिशा राज्य कमेटी की ओर से जारी जो सूचना पत्रिका को मिली है उसके मुताबिक, नक्सलियों ने एक दिन पहले ही घटना वाली जगह पर डेरा जमाया था। आसपास के गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा था। उन्हें समझा-बुझाकर भेज दिया। ठिकाना नहीं बदला। 19 की आधी रात फोर्स ने घेर लिया। 20 की सुबह 5 बजे फोर्स करीब आई तो नाले की ओर भागे। नक्सलियों की मानें तो दो नालों के बीच आने से फोर्स का चक्रव्यूह काम कर गया।

दोपहर तक 3 दफे की मुठभेड़ में 2 महिला नक्सली (जनीला और निर्मला) ढेर हो चुकी थीं। इसमें कोबरा जवान भी घायल हुआ। इसी रात फोर्स की घेराबंदी तोड़ते 11 नक्सली मारे गए। प्रेसनोट में 3 और नक्सलियों के अलग-अलग मारे जाने और फोर्स की ओर से 2 जवानों के घायल होने की बात भी कही है। 30 नक्सलियों के बच निकलने की बात भी है।

नक्सलियों की ओर से बयान जारी करने की सूचना है। फिलहाल वह पर्चा हमें नहीं मिला है। नक्सलियों ने मुठभेड़ में मारे गए जिन 16 लोगों की पहचान उजागर की है, उनमें डिविजनल कमेटी का एक सेक्रेटरी भी था। हमें इसकी जानकारी नहीं थी। डिविजनल कमेटी के सचिव का मारा जाना नक्सलियों के लिए बड़ा झटका है। - निखिल राखेचा, एसपी, गरियाबंद

Updated on:
08 Feb 2025 02:08 pm
Published on:
08 Feb 2025 02:07 pm
Also Read
View All

अगली खबर