रायपुर

Coal & Custom Milling Scam: कोयला और कस्टम मीलिंग घोटाले के आरोपियों का नहीं होगा नार्को टेस्ट, स्पेशल कोर्ट में हुई सुनवाई

Raipur News: छत्तीसगढ़ कोल घोटाले मामले में सूर्यकांत तिवारी समेत 4 आरोपियों के नार्को टेस्ट को लेकर ACB-EOW की ओर से लगाए गए आवेदन पर स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई।

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Oct 27, 2024

Coal & Custom Milling Scam: ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी, उनके बडे़ भाई रजनीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर और ,रौशन सिंह का नार्को टेस्ट कराने के आवेदन को विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी ने शनिवार खारिज कर दिया। ईओडब्ल्यू ने 14 अक्टूबर को आवेदन लगाकर अनुमति मांगी थी। यह टेस्ट गुजरात के गांधीनगर स्थित लैब में किया जाना था।

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनके पक्षकार बीमार है और बीपी, शुगर और अन्य बीमारियों से ग्रसित होने के कारण नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करते है। नार्को टेस्ट के पहले दिए जाने दवाई से उनके पक्षकारों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।

इन आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग

सूर्यकांत तिवारी (कोल घोटाले का किंगपिन कहा जाता है)
रजनीकांत तिवारी (सूर्यकांत का भाई)
निखिल चंद्राकर (सूर्यकांत के साथ काम करता था)
रोशन कुमार सिंह ( कोयला घोटाले के सिंडिकेट में शामिल)

नार्को एनालिसिस टेस्ट में सोडियम पेंटोथल नामक एक दवा को अभियुक्त के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। यह दवा कृत्रिम निद्रावस्था या बेहोशी की अवस्था के साथ कल्पना को निष्प्रभावी कर देती है। इस सम्मोहक अवस्था में अभियुक्त को झूठ बोलने में असमर्थ रहता है और सवालों के जबाव भी देता है। इसी तरह ब्रेन मैपिंग टेस्ट एक मशीन के तारों से जुड़ी एक टोपी मरीज के सिर पर रखी जाती है, जिसमें मस्तिष्क के विद्युत आवेगों को टोपी से तारों से जुड़े सॉफ़्टवेयर द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है।

Published on:
27 Oct 2024 07:36 am
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