रायपुर

Monsoon 2024: आकाशीय बिजली बनी काल, अब तक 280 लोगों ने गवां दी अपनी जान, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Sky lightning struck: छत्तीसगढ़ में मानसून के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा। अब तक कुल 280 मौतें हो चुकी है।

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Aug 25, 2024

Monsoon 2024: बारिश के सीजन में इन दिनों बादलों की गर्जना लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। जून से अब तक आसमानी बिजली से प्रदेश में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार जब बारिश हो रही हो तो पेड़ के नीचे खड़े होना खतरनाक है। पेड़ आसमानी बिजली को आकर्षित करते हैं और बारिश में भीगने से बचने के लिए खड़े लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े न हों तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

मानसूनी सीजन में खासकर जून से सितंबर तक प्रदेश में बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। हर कोई बादलों की तेज गर्जना से सहम जाता है। शरीर में सिहरन पैदा हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ये न केवल मनुष्य के लिए बल्कि मवेशियों व पेड़-पौधों के लिए भी खतरनाक है। अगर मनुष्य किसी तरह बच भी जाए तो अपाहिज हो सकता है।

Monsoon 2024: याददाश्त जाने या कम होने के अलावा, शरीर के अंगों का सुन्न पड़ जाना, लकवा मारना, ऑर्गन फेल होना या बाद में हार्ट अटैक जैसी समस्या भविष्य में होने की आशंका बनी रहती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। यही नहीं बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु व कर्नाटक में भी आकाशीय बिजली गिरती है।

केस-1: 19 अगस्त को बिजली गिरने से जशपुर में 3 व रायगढ़ जिले में दो लोगों की मौत हो गई। ये मौतें 24 घंटे के भीतर हुई। एकम्बा गांव के मोहरसाय राम (55) व उनकी पत्नी परबी बाई (53) खेत में धान की रोपाई कर रहे थे। वहीं छिछली गांव के जगसाय राम (42) भी खेत की ओर थे। दुर्गापुर की मनीषा मंडल (16) व धरमजयगढ़ के लक्ष्मीपुर में बुधनी मिंज (50) की मौत गाज की चपेट में आने से हो गई।

केस-2: जशपुर जिले के पत्थलगांव इलाके में 6 दिनों पहले आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गई। जबकि, 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ दिनों पहले बिलासपुर में भी दो लोगों की मौत हो गई। वे देवी दर्शन करने मंदिर गए थे और लौटने के दौरान बारिश होने पर पेड़ के नीचे खड़े हो गए। पेंड्ररोड में भी एक युवक की जान चली गई। वह खेत में काम कर रहा था और बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़ा था।

इसलिए गिरती है आकाशीय बिजली

विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार 1872 में बिजली गिरने व चमकने का कारण बताया था। दरअसल आसमान में बादलों में पानी के छोटे-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ के कारण आवेशित हो जाते हैं। कुछ बादलों पर पॉजीटिव चार्ज आ जाता है और कुछ पर निगेटिव।

जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक-दूसरे से टकराते हैं तो इससे लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है। कभी-कभी वोल्ट इतना ज्यादा होता है कि यह बिजली धरती तक पहुंच जाती है। इसे ही बिजली का गिरना कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मोबाइल फोन से अल्ट्रा वायलेट किरणें निकलती हैं, जो आकाशीय बिजली को अपनी ओर खींचती हैं।

Monsoon 2024: यहां खतरा ज्यादा

खेतों में काम करने वाले
पेड़ों के नीचे खड़े होने वाले
तालाब में नहाते समय
मोबाइल फोन सुनने वाले

टॉपिक एक्सपर्ट

मानसूनी सीजन में खासकर जब बादल जोरदार गर्जना कर रहे हों तो घर से सुरक्षित जगह कोई नहीं है। पेड़ के नीचे खड़े होना या मोबाइल फोन पर बात करना सबसे ज्यादा खतरनाक है। लोगों को बारिश के समय पेड़ों के नीचे न खड़े होने व मोबाइल पर बात न करने के लिए जागरूक किया जाए तो मौतों की संख्या कम की जा सकती है।

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Published on:
25 Aug 2024 12:46 pm
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