Chhattisgarh Politics: साय सरकार के सत्ता संभालने के 20 माह बाद मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
Chhattisgarh Politics: साय सरकार के सत्ता संभालने के 20 माह बाद मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। बुधवार को तीन नए मंत्रियों के शामिल होने से साय की टीम में 14 मंत्री हो गए। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवाल पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा, भूपेश बघेल का काम ही सवाल उठाना है। मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ था तब भी सवाल उठा रहे थे और अब विस्तार हो गया है, तब भी सवाल उठा रहे हैं। हमारा काम जनता की सेवा करना है। वो सवाल उठाते रहे, हम जनता की सेवा करते रहेंगे।
अरुण साव ने कहा, अब हमारे मंत्रिमंडल में 14 सदस्य शामिल हो गए हैं। मंत्रिमंडल विस्तार चर्चा का विषय था लेकिन अब इस चर्चा का अंत हो गया है। खेल विभाग की जिम्मेदारी मुझे दी गई है। अब प्रदेश में खेल अधोसंरचना और खिलाडिय़ों का विकास डबल स्पीड से होगा। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, तो काम भी डबल गति से होगा।
14 मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक तरह से मंत्रिमंडल के विस्तार को अवैधानिक बताते हुए सवाल किया है कि सरकार को 14 मंत्री बनाने की अनुमति कब मिली। पूर्व सीएम ने कहा कि वर्ष 2003 में बने कानून के मुताबिक विधानसभा सदस्यों की संख्या में 15 फीसदी तक ही मंत्री बन सकते हैं। जब 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी तक करने की मांग की गई थी। इसके पीछे छत्तीसगढ़ का भौगोलिक रूप से बड़ा होना और विधानसभा परिषद न होने का तर्क दिया था, लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया और न ही अनुमति मिली।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर कांग्रेस के पेट में उठ रहे मरोड़ पर कटाक्ष किया है। भाजपा में अंतर्कलह और प्रदेश सरकार की उल्टी गिनती शुरू होने की कपोल कल्पना करके भाजपा के आंगन में ताक-झांक करने की अपनी लत से कांग्रेस बाज नहीं आ रही है। ठाकुर ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा की गई टिप्पणी पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग अपनी पार्टी के घमासान को तो थाम नहीं पा रहे हैं।
पीसीसी चीफ दीपक बैज को अपनी पार्टी की ज्यादा चिंता करनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज को पहले अपनी और कांग्रेस के चरमराते संगठन की फिक्र करनी चाहिए। कांग्रेस में अब कोई किसी की सुनने को तैयार ही नहीं है। खुद बैज तो दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अपनी प्रदेश कार्यकारिणी तक नहीं बना पाए है और उदार की पुरानी कार्यकारिणी से काम चलाने को विवश है। भाजपा के वरिष्ठ विधायकों की फिक्र में दुबले हुए जा रहे बैज पहले कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से तो स्वयं को उबार लें।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, किसे मंत्री बनाना है यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हुआ, तीनों नए मंत्रियों में से कोई भी मुख्यमंत्री की पसंद का नहीं है। एक मंत्री अडानी की पसंद पर बनाए गए या कह सकते हैं कि अडानी के दबाव पर बनाए गए। एक मंत्री संघ की पसंद पर बनाए गए, उनके पिता संघ के बड़े पदाधिकारी थे।
एक मंत्री विधानसभा चुनाव के समय की गई राजनैतिक सौदेबाजी के कारण बनाए गए। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री साय की नहीं चली। बैज ने कहा, अभी तक छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल होता था। इस बार परंपरा को तोडक़र 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल हो गया है।
हरियाणा में भी 90 विधायक हैं। हरियाणा में बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हैं। इस लिहाज से हरियाणा के फॉर्मूले को छत्तीसगढ़ में भी लागू करते हुए 3 और मंत्री बनाए गए हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ बनने के बाद से 13 मंत्री ही बनते आ रहे थे। नियमों के तहत विधायकों की संख्या के आधार पर 15 प्रतिशत ही मंत्री बन सकते हैं, इसलिए 90 विधायकों में 13.5 मंत्री के तहत मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री बनाए गए हैं।