CG Electricity Bill: बिजली बिल बकाया होने पर अब विभागीय कर्मचारियों के आने की जरूरत नहीं है। सॉफ्टवेयर सिस्टम से एक क्लिक में बिजली सप्लाई बंद की जा रही है।
CG Electricity Bill: बिल बकाया होने पर लाइन कट करने अब बिजली विभाग के कर्मचारियों के आने की जरूरत नहीं है, बल्कि एक क्लिक पर सॉफ्टवेयर से बिजली बंद करने का फार्मूला आ चुका है। रायपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगभग 20 हजार लोगों के कनेक्शन काटे जा चुके हैं, जिनका बिल दो महीने या इससे अधिक समय से लंबित था। इस प्रक्रिया में बड़ी समस्या यह है कि जिस तरह सॉफ्टवेयर से एक सेकंड के भीतर लाइट ऑफ हो रही है।
वहीं बिल जमा करने के बाद लाइट वापस आने में दो से तीन घंटे का वक्त लग रहा है। बिजली कटने के नए फार्मूले से लोग परेशान हैं, क्योंकि इस प्रक्रिया में स्मार्ट मीटर में लाइट जलती रहती है, लेकिन घरों तक सप्लाई नहीं पहुंचती। इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर के सॉफ्टवेयर के जरिए बकाया कनेक्शन पर बिजली कट करने का ट्रॉयल चल रहा है। सिस्टम में सुधार करने की प्रक्रिया चल रही है। कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को दी गई है।
अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट मीटर में रिमोट सेंसर युक्त एक रिले लगा है। मीटर का बीपी नंबर सीएसपीडीसीएल के कंट्रोल रूम में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में अपलोड है। मीटर डेटा मॉनिटरिंग (एमडीएम) के जरिए ज्यादा बिजली बिल होने पर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से एक क्लिक में बिजली गुल की जा सकती है।
इस सिस्टम में मीटर में लाइट जलती है,लेकिन मीटर से घर, दफ्तर या दुुकानों में बिजली सप्लाई नहीं हो पाती। बिजली विभाग के कंट्रोल टॉवर की वर्किंग मोबाइल नेटवर्क से होती है। मोबाइल नेटवर्क से स्मार्ट मीटर के रिमोट सेंसर तक फ्रिकवेंसी पहुंचने पर ही कनेक्शन कट हो रहा है।
कनेक्शन कटने के पहले चार-पांच बार मैसेज भेजा रहा है। नियमों के मुताबिक 15 दिन की लेटलतीफी के बाद बिजली कट की जा सकती है। सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं। पेमेंट गेटवे व बैंकों तक ट्रांजेक्शन पहुंचने में कुछ वक्त लग रहा है। इसकी वजह से बिजली वापस आने में लेटलतीफी हो रही है। इसे जल्दी ठीक कर लिया जाएगा- संजीव सिंह, चीफ इंजीनियर, रायपुर सर्कल रीजन, सीएसपीडीसीएल
CG Electricity Bill: मध्यप्रदेश, झारखंड सहित देश के कई राज्यों में स्मार्ट मीटर से ऑटोमेटिक बिजली कटने का फार्मूला लागू हो चुका है। झारखंड में रिचार्ज सिस्टम लागू हो चुका है, जिसमें रिचार्ज खत्म होने पर ऑटोमेटिक बिजली कट हो रही है। बिजली वापस प्राप्त करने के लिए तत्काल रिचार्ज करने का फार्मूला है। यहां प्रदेश में प्री-पेड सिस्टम में अभी वक्त लग रहा है। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर में यह सिस्टम जल्द ही लागू होगा।
प्रदेश में कुल घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या पर गौर करें तो यहां 55 प्रतिशत लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। 2027-28 तक सभी तरह के उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की सुविधा प्रदान करना है। प्रदेश में तीन कंपनी टाटा पावर, हाइप्रिंट जीनस पावर व जीनस पावर स्मार्ट मीटर लगाने का
काम कर रही है।
हाइटेक तरीके से बिजली कनेक्शन कटने के बाद रसीद की प्रति क्षेत्र के संबंधित बिजली दफ्तर में जमा करने के नियम से लोग परेशान हैं। रसीद को नजदीकी कार्यालय में जमा करने के बाद जूनियर इंजीनियर (जेई) इसे विभाग के वॉट्सएप ग्रुप में शेयर करते हुए पेमेंट होने की जानकारी दे रहे हैं। इसके घंटों बाद लोगों को बिजली मिल रही है।