हजारों किसानों को उनकी रुकी हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किश्तें मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
राजसमंद। राजस्थान के किसानों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटने की उम्मीद जग चुकी है। सहकार सदस्यता अभियान के साथ अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी वह तकनीकी प्रक्रिया भी आसान हो गई है, जिसके कारण कई पात्र किसानों की किश्तें लंबे समय से अटकी पड़ी थीं। जिला प्रशासन के प्रयासों और सहकार विभाग के सहयोग से अब आधार सीडिंग और ई-केवाईसी का कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे हजारों किसानों को उनकी रुकी हुई किश्तें मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
राजसमंद जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा की अध्यक्षता में सोमवार को सहकार सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में उप रजिस्ट्रार विनोद कोठारी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में सहकार सदस्यता अभियान के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से ग्राम सहकारी समितियों के व्यवस्थापक हड़ताल पर थे, जिससे अभियान की गति प्रभावित हो रही थी।
लेकिन राज्य सहकारिता विभाग के अधिकारी गौतम दक के हस्तक्षेप से सोमवार को यह हड़ताल समाप्त हो गई है। राज्य में 15 अक्टूबर तक चल रहे ‘सहकार सदस्यता अभियान’ को किसानों के लिए सुनहरा अवसर है। इसका सीधा लाभ पीएम किसान सम्मान निधि योजना के उन लाभार्थियों को मिलेगा जिनकी किश्तें अधूरी प्रक्रियाओं के कारण रुकी हुई थीं। राज्य में 77.73 लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने आधार सीडिंग और ई-केवाईसी नहीं करवाई थी। इसके अभाव में भुगतान रोक दिया था।
‘सहकार सदस्यता अभियान’ के तहत आयोजित शिविरों में आधार सीडिंग और ई-केवाईसी को मुख्य गतिविधि के रूप में शामिल किया गया है। इससे किसानों को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल रही है। किसान चाहें तो ई-मित्र, कॉमन सर्विस सेंटर या पीएम किसान जीओआई मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं भी फेस रिकग्निशन द्वारा आधार सीडिंग कर सकते हैं। इसके लिए केवल आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। इसी तरह, ई-केवाईसी के लिए वे अपने पटवारी या तहसील कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।
राजसमंद जिले में अब तक 9,555 किसानों की आधार सीडिंग और 8,447 किसानों की ई-केवाईसी का कार्य शेष है। जिला प्रशासन ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि अभियान की समाप्ति तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, इन किसानों को न केवल नई किश्तों का समय पर भुगतान मिलेगा बल्कि रुकी हुई पिछली किश्तों का भी वितरण संभव हो जाएगा।