Azam Khan: अमर सिंह और उनके परिवार पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है। मामला 2018 में दर्ज हुआ था और लंबे समय तक चली जांच व सुनवाई के बाद आज शुक्रवार को फैसला सुनाया गया।
Azam khan acquitted objectionable remarks case amar singh: सपा नेता आजम खान को अमर सिंह और उनके परिवार पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार दोपहर बाद एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में आजम खान को बरी कर दिया। पूरे दिन सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे, हालांकि आख़िरी समय पर वह कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से नहीं पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतनाम सिंह मट्टू ने बताया कि पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य आरोप को साबित नहीं कर पाए, जिसके बाद अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया।
यह पूरा मामला 17 अक्टूबर 2018 का है, जब लखनऊ के गोमतीनगर थाने में सपा नेता अमर सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि जौहर विवि के एक कार्यक्रम में आजम ने उन पर, उनकी दो बेटियों और पूरे परिवार पर अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। यहां तक कि अमर सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि आजम खान ने उनकी बहू-बेटियों को तेजाब से जलाने की धमकी दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आईपीसी की धारा 153-ए, 153-बी, 295-ए, 500 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
क्योंकि मामला आजम खान और उनके राजनीतिक क्षेत्र रामपुर से जुड़ा हुआ था, इसलिए केस को लखनऊ से ट्रांसफर करके रामपुर के अजीमनगर थाने भेज दिया गया। यहां पुलिस ने कई महीनों तक विवेचना की और सबूत एकत्र करने की कोशिश की। जांच पूरी होने पर पुलिस ने संबंधित अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिसके बाद मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में नियमित सुनवाई के लिए पहुंचा।
शुक्रवार दोपहर सुनवाई के दौरान आजम खान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कोर्ट परिसर के बाहर और अंदर दिनभर भारी पुलिस बल की तैनाती रही, ताकि किसी भी तरह का तनाव न बढ़े। सभी पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुत सामग्री आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए आजम खान को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश जारी किया गया।