Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की जमानत को लेकर नई अड़चन सामने आई है। रामपुर की क्वालिटी बार प्रॉपर्टी केस में पुलिस ने 3 नई धाराएँ जोड़ी हैं, जिससे 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम खान की रिहाई फिलहाल मुश्किल हो गई है। पढ़िए केस का पूरा विवरण और कोर्ट की कार्रवाई।
Azam Khan jail release Rampur: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। हालांकि, उनकी रिहाई फिलहाल रुकी हुई है। रामपुर में क्वालिटी बार प्रॉपर्टी पर कब्जे के मामले में पुलिस ने 2 दिन पहले नई धाराएँ जोड़ दी हैं। 23 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम खान फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाए हैं।
आजम खान के वकील इमरान उल्ला ने बताया कि एक मामले में पुलिस ने अतिरिक्त धाराएँ बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि बाकी पेंडिंग मामलों में आजम खान को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन नई धाराओं के कारण रिहाई में देरी हो रही है। हाईकोर्ट ने 21 अगस्त को फाइनल सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आजम खान के दूसरे वकील मोहम्मद खालिद ने बताया कि क्वालिटी बार सोसाइटी की प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा था, जिसे बाद में खाली कराकर टेंडर किया गया। यह टेंडर आजम के बेटे और पत्नी के नाम पर मंथली अलॉट किया गया था। यह मामला 2013 का है और FIR 2019 में दर्ज हुई थी। 2024 में आजम खान को आरोपी बनाया गया। वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि 10 साल बाद आजम को आरोपी कैसे बनाया गया।
वकील इमरान उल्ला के अनुसार, रामपुर पुलिस ने थाना अजीमनगर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ी शत्रु संपत्ति केस में 467, 468 और 201 धाराएँ बढ़ा दी हैं। 20 सितंबर को रामपुर MP/MLA कोर्ट में पेशी है। अगर हाईकोर्ट से रिहाई का परवाना जेल में पहले पहुंच गया तो आजम खान बाहर आ पाएंगे। नहीं तो नई धाराओं के अनुसार जमानत फिर से लेनी पड़ेगी।
धारा 467: सरकारी कागजात में हेरफेर करना, 10 साल से आजीवन कारावास तक।
धारा 468: धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, 7 साल तक का कारावास और जुर्माना।
धारा 201: अपराध के साक्ष्य मिटाना या झूठी जानकारी देना, 7 साल तक की जेल और जुर्माना।
21 नवंबर, 2019 को क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा ने सिविल लाइंस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि हाईवे स्थित बार पर जबरन कब्जे की कोशिश की गई। इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई। इस केस में आजम खान की पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्ला आजम और पूर्व चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी भी आरोपी बने।
अक्टूबर 2023 से आजम खान सीतापुर जिला कारागार में बंद हैं। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में सात साल की सजा सुनाई। 26 अक्टूबर 2023 को सुरक्षा कारणों से आजम को रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया। 76 साल के आजम खान कई बीमारियों से ग्रसित हैं और पिछली बार रिहाई के बाद भी उन्हें हॉस्पिटल में रहना पड़ा था।
आजम खान लगभग चार दशक से रामपुर की राजनीति में सक्रिय हैं। वे मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़ाव के कारण जेल में रहने के बावजूद अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया। उनके खिलाफ अब तक 89 से अधिक केस दर्ज हैं।