रामपुर

Azam Khan News: क्या जेल से बाहर आएंगे सपा नेता आजम खान? कोर्ट ने इस पुराने केस में कर दिया बरी, पढ़ें पूरी खबर

Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पांच साल पुराने अवमानना मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है।

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Sep 16, 2025
Azam Khan News: क्या जेल से बाहर आएंगे सपा नेता आजम खान? Image Source - Social Media 'X'

Azam khan news court relief contempt case Rampur: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने साल 2020 में दर्ज अवमानना मामले में उन्हें बरी कर दिया। यह मामला रामपुर जिले के छजलैट थाना क्षेत्र से जुड़ा था, जहां सुनवाई के दौरान आजम खान कई बार कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए थे। इसी आधार पर उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया गया था।

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मामला कैसे दर्ज हुआ?

यह विवाद साल 2008 से जुड़ा है, जब रामपुर के छजलैट थाने के सामने आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अन्य सपा नेताओं पर रोड जाम करने का आरोप लगा था। इस मामले में कोर्ट ने बाद में आजम खान और अब्दुल्ला को दो साल की सजा सुनाई थी। इसी दौरान, लगातार अदालत की तारीखों पर अनुपस्थित रहने के कारण तत्कालीन एसएचओ ने उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का अलग मामला दर्ज करा दिया था।

वकील की दलीलें

एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खान की ओर से वकील ने पैरवी की। उन्होंने दलील दी कि आजम खान की अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी, बल्कि इसके पीछे ठोस कारण मौजूद थे। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें और सबूतों की गहन जांच के बाद आजम खान को इस अवमानना मामले से बरी कर दिया।

दो साल की सजा अभी भी बरकरार

हालांकि, राहत केवल अवमानना केस तक ही सीमित है। छजलैट रोड जाम मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की दो साल की सजा अभी भी कायम है। इसी सजा के चलते अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी रद्द हो चुकी है। इस फैसले के खिलाफ अपील की प्रक्रिया वर्तमान में इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही है, जहां अगली सुनवाई का सभी को इंतजार है।

राजनीतिक असर

आजम खान उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अहम चेहरा रहे हैं। लगातार कानूनी विवादों और जेल जाने के बाद अब इस आंशिक राहत से उनकी राजनीतिक जमीन को थोड़ी मजबूती मिल सकती है। हालांकि, हाईकोर्ट से मिलने वाले फैसले पर ही उनका राजनीतिक भविष्य काफी हद तक निर्भर करेगा।

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