रामपुर

‘राजनीति में मुझे जबरदस्ती खींचा गया’, मुलायम सिंह यादव को लेकर आजम खान ने कही बड़ी बात

Rampur News: आजम खान ने 23 महीने जेल के बाद सपा के शुरुआती दौर की याद दिलाई, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कभी सोने-चांदी या कोठी नहीं मांगी, केवल बच्चों के लिए कलम मांगी।

2 min read
Sep 30, 2025
जेल से लौटे आजम खान का खुलासा! पत्रिका फाइल फोटो।

Azam khan political revelation rampur news: 23 महीने सीतापुर जेल में रहने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर की यादें ताज़ा की। उन्होंने कहा कि वह जहां उंगली रखते थे, मुलायम सिंह यादव वहां साइन कर देते थे। यह वह समय था जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे और आजम खान कैबिनेट मंत्री। आजम ने उस महिला का भी नाम लिया जिसने उन्हें सियासत में आगे बढ़ाने में मदद की थी।

ये भी पढ़ें

संभल में आचार्य प्रमोद का बड़ा हमला! सांसद बर्क को बताया ‘रावण’, बोले- दंगे भड़काने पर चलेंगे बुलडोजर और तोपें

बच्चों के लिए मांगी थी कलम

आजम ने बताया कि उन्होंने कभी सियासत में व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ नहीं मांगा। न तो सोने-चांदी के कंगन, न कोठी या बंगला। केवल बच्चों के लिए कलम मांगी थी। उन्होंने कहा, "मैंने कलम मांगी और जिसने दी, उसने मुझसे यह नहीं पूछा कि दस्तखत कहां करने हैं।" उनके अनुसार भरोसा और सम्मान लंबे संघर्ष और मेहनत के बाद ही मिलता है।

जबरदस्ती राजनीति में आए, बनना चाहते थे लेक्चरर

आजम खान ने बताया कि उनका इरादा सियासत में आने का नहीं था। वह एलएलएम कर रहे थे और फाइनल सेमेस्टर में थे। यूनियन के सेक्रेटरी होने के बावजूद, इमरजेंसी के दौरान उन्हें जबरदस्ती राजनीति में खींच लिया गया। उन्होंने कहा, "मैं बच्चों को पढ़ाना चाहता था, मुझे नौकरी लग रही थी। सियासत में आने का फैसला मेरी मर्जी का नहीं था।"

जुर्म और आरोपों पर स्पष्ट प्रतिक्रिया

आजम खान ने अपने ऊपर लगे आरोपों और मुकदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर किसी भी जुर्म का सबूत मिलता है, तो वे अपने सिर पर जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 50 साल की सियासत में उन्होंने कभी कोठी नहीं बनाई और जिन जमीनों के मामले में आरोप लगे, वे उनकी जाति और बिरादरी के लोगों के कब्जे में थीं।

मुकदमे और अधिकारियों पर किया खुलासा

आजम ने पुलिस और अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई मामलों में उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के अंदर पौने चार बीघा जमीन का मामला भी उनके ज्ञान के बिना था। अधिकारी उन्हें धमकी देते थे कि जमीन बेच दी तो मार डालेंगे। आजम ने कहा कि अदालत में उनके पक्ष में बयान दर्ज हो चुके हैं और उनकी निष्पक्षता साबित हो चुकी है।

Also Read
View All

अगली खबर