Relationship Advice: अगर आप भी अपने पार्टनर के परिवार से पहली बार मिलने को लेकर नर्वस महसूस करते हैं, तो प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की पहली मुलाकात से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। जानिए, उनकी कहानी से क्या सबक मिलते हैं ताकि आप भी ऐसी गलतियां दोबारा न करें।
Relationship Advice: पहली बार अपने पार्टनर के घर जाना किसी के लिए भी नर्वस करने वाला अनुभव हो सकता है, खासकर तब जब आप अच्छा इंप्रेशन बनाने की कोशिश में हों। कुछ ऐसा ही महसूस हुआ था प्रियंका चोपड़ा को, जब वो पहली बार अपने पति निक जोनस के घर गईं।वैसे आपके साथ भी ऐसा अनुभव हो सकता है जब आप अपने पार्टनर के घर पहली बार जाएं, तो थोड़ा नर्वस महसूस करना बिल्कुल सामान्य है। साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी तुगनैत (psychotherapist, coach, and healer, founder and director, Gateway of Healing) से जानिए, किन बातों का ध्यान रखकर आप अपनी पहली मुलाकात को खास और यादगार बना सकते हैं।
2019 में द टुनाइट शो starring जिमी फॉलन में प्रियंका ने मजेदार अंदाज में बताया कि निक का घर इतना साफ-सुथरा है कि वहां कदम रखते ही उन्हें टेंशन होने लगी। “उनका घर इतना इमैक्युलेट है कि अलार्म तक परफेक्ट बजते हैं। पहली बार जब मैं उनके घर गई, तो मेरा डॉग उनकी कार में पेशाब कर बैठा और वो भी सफेद कारपेट पर!” प्रियंका ने हंसते हुए कहा। “मैंने बेकिंग सोडा, क्लीनर्स, सब कुछ ट्राय किया ताकि निशान मिट जाए… लेकिन फिर भी निक ने पकड़ ही लिया!”
अक्सर हम इंप्रेस करने के चक्कर में हर बात को परफेक्ट बनाने की कोशिश करते हैं, जो उल्टा दबाव बढ़ा देता है। डॉ. तुगनैत कहते हैं, "परफेक्शन छोड़ दो, अपनी सच्चाई अपनाओ। इससे न सिर्फ तुम्हारा तनाव कम होगा, बल्कि सामने वाला भी तुमसे gercek कनेक्ट महसूस करेगा।" प्रियंका ने भी यही किया गलतियां हुईं, लेकिन उन्होंने हंसकर टाल दिया, और यही उनकी जीत बनी।
हाई एक्सपेक्टेशंस से निराशा हाथ लगती है। डॉ. तुगनैत बताते हैं, "पहली मुलाकात सिर्फ एक शुरुआत है, परफेक्ट एंडिंग की जरूरत नहीं।" इसे हल्के में लो, तो एंग्जायटी खुद कम हो जाएगी। याद रखो, रिश्ते एक मीटिंग से नहीं बनते, बल्कि कई पलों से।
नई जगह में घबराहट होना स्वाभाविक है। ऐसे में कोई साझा विषय ढूंढो जो दोनों को पसंद हो। डॉ. तुगनैत सुझाते हैं, "कोई हॉबी, फिल्म, गाना या यहां तक कि पसंदीदा खाना बस एक छोटा सा टॉपिक काफी है जो माहौल हल्का कर दे।" इससे आइसब्रेकर की तरह काम करता है और बातचीत खुद-ब-खुद बहने लगती है। प्रियंका की मुलाकात में भी संगीत ने ब्रिज का काम किया था।
नई जगह, नए लोग सबकुछ अजनबी लगता है। जल्दबाजी मत करो। डॉ. तुगनैत कहते हैं, "एडाप्टेशन एक प्रोसेस है, इसे रश मत करो। धीरे-धीरे नर्व्स शांत होंगे और तुम घर जैसा फील करोगे।" प्रियंका ने भी समय लिया, और देखते ही देखते असहजता दोस्ती में बदल गई।