Papankusha Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, जिनमें से एक पापांकुशा एकादशी है, जिसे बेहद पुण्यकारी व्रत माना जाता है। इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने पापांकुशा एकादशी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियमों के बारे में विस्तार से बताया है।
Papankusha Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, जिनमें से एक पापांकुशा एकादशी है, जिसे बेहद पुण्यकारी व्रत माना जाता है। इस व्रत को भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। इस दिन श्रद्धालुओं को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जो पापों से मुक्ति दिलाती है और जीवन में सुख एवं संतोष लाती है। यदि आप भी पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने जा रहे हैं और इसका पूरा लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो पूजा का सही समय और विधि जानना अत्यंत आवश्यक है।
इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने पापांकुशा एकादशी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियमों के बारे में विस्तार से बताया है, ताकि आपका व्रत पूर्ण रूप से फलदायी हो सके।
पापांकुशा एकादशी व्रत की तुलना किसी अन्य व्रत से नहीं की जा सकती। इस एकादशी के दिन भगवान पद्मनाभ की पूजा और आराधना की जाती है, जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। पापांकुशा एकादशी हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ सूर्ययज्ञ के समान फलदायी मानी जाती है। पद्म पुराण में वर्णित है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा पूर्वक सुवर्ण, तिल, भूमि, गाय, अन्न, जल, जूते और छाता दान करता है, उसे यमराज के दर्शन नहीं होते। साथ ही, जो व्यक्ति इस एकादशी की रात्रि में जागरण करता है, वह स्वर्ग का भागी बनता है। इस दिन किया गया दान अत्यंत शुभ फलदायी होता है।