Radha Astami Vrat: भादों महीना बेहद खास होता है। इस महीने यशोदानंदन कृष्ण का जन्मदिवस पड़ता है तो उनको अति प्रिय राधा रानी की जयंती भी आती है, जिसे राधा अष्टमी व्रत के नाम से जानते हैं। विशेष बात यह है कि इस साल राधा अष्टमी व्रत तीन शुभ योग में मनाई जाएगी। आइये जानते हैं राधा अष्टमी व्रत की डेट, योग और महत्व (bhadrapad shukla ashtami)..
Radha Astami Vrat: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी राधा अष्टमी के नाम से जानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन वृंदावन क्षेत्र में राधा रानी का जन्म मध्याह्न के समय हुआ था। प्रायः यह तिथि अगस्त सितंबर में पड़ती है। आइये जानते हैं व्रत का डेट, योग और महत्व …
भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभः मंगलवार 10 सितंबर 2024 को रात 11:11 बजे
भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समापनः बुधवार 11 सितंबर 2024 को रात 11:46 बजे
उदयातिथि में राधा अष्टमीः बुधवार 11 सितंबर 2024 को
मध्याह्न पूजा का समयः सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:32 बजे तक
अवधिः 2 घंटे 29 मिनट
प्रीतिः रात 11:55 बजे तक
आयुष्मान योगः 12 सितंबर रात 10.41 बजे तक
रवि योगः 11 सितंबर को रात 09:22 बजे से 12 सितंबर सुबह 06:05 बजे तक
राधा अष्टमी व्रत प्रायः महिलाएं रखती हैं। इस दिन व्रत रखने और राधा रानी की सच्चे मन से पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।