
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
Chandra Grahan : वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार जब पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती है तो पृथ्वी की छाया से चंद्रमा पर अंधेरा छा जाता है और पृथ्वी से देखने पर वह दिखाई नहीं देता है। इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं।
यह स्थिति पूर्णिमा तिथि पर ही बनती है, जबकि हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब राहु और केतु ग्रह भगवान सूर्य को ग्रसने का प्रयास करते हैं तो ग्रहण लगता है। जिसका सूतक काल 8 से 9 घंटे पहले ही लग जाता है। इनमें चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले शुरू हो जाता है।
इस समय कई धार्मिक गतिविधियों पर रोक लग जाती है। ग्रहण काल की समाप्ति तक के लिए मंदिर के द्वार आदि भी बंद कर दिए जाते हैं, यहां तक कि किचन आदि में खाद्य सामग्री जल आदि खुला नहीं छोड़ा जाता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से ये सामग्रियां अशुद्ध हो जाती हैं। सिर्फ इस समय जप तप, भगवान से प्रार्थना और दान किया जाता है। इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा। आइये जानते हैं चंद्र ग्रहण की डेट और सूतक काल का समय…
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पूर्णिमा तिथि प्रारंभः मंगलवार 17 सितंबर 2024 को सुबह 11:44 बजे
पूर्णिमा तिथि समापनः बुधवार 18 सितंबर 2024 को सुबह 08:04 बजे
भाद्रपद पूर्णिमाः बुधवार 18 सितंबर 2024
पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय: शाम 06:37 बजे
उपच्छाया से पहला स्पर्शः बुधवार 18 सितंबर को सुबह 06:12
प्रच्छाया से पहला स्पर्शः सुबह 07:44 बजे
परमग्रास चंद्र ग्रहणः सुबह 08:14 बजे
प्रच्छाया से अंतिम स्पर्शः सुबह 08:44 बजे
उपच्छाया से अंतिम स्पर्शः सुबह 10:17 बजे
खण्डग्रास की अवधिः 00 घंट 59 मिनट 59 सेकेंड
उपच्छाया की अवधिः 04 घण्टे 04 मिनट 27 सेकेंड
चंद्र ग्रहण का परिमाणः 0.08
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाणः 1.03
18 सितंबर को लग रहा चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण यानी आंशिक चंद्रग्रहण है, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। खगोलविदों के अनुसार यह चंद्रग्रहण यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका की कुछ जगहों पर देखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस क्षेत्र में चंद्र ग्रहण दिखाई देता है, वहीं सूतक काल मान्य होता है। यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर या किसी भी भारतीय शहर में जहां चंद्रग्रहण दृश्य नहीं है, वहां किसी भी धार्मिक विधान को अपनाने की जरूरत नहीं है।
Published on:
08 Sept 2024 06:17 pm
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