Shani Mantra: शनिदेव के कुछ असरदार मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है, जिससे मनुष्य को शनिदेव की कृपा मिलती है और जीवन की रुकावटें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
Shani Mantra: शनिदेव की जब कुंडली में दशा सक्रिय होती है, जैसे ढैया या साढ़ेसाती, तो जीवन में अड़चनें, मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां और रिश्तों में खटास जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे समय में शनिदेव के कुछ असरदार मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है, जिससे मनुष्य को शनिदेव की कृपा मिलती है और जीवन की रुकावटें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है।
ॐ शं शनैश्चराय नम:
ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा:
ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।
सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय:
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:
ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:।
नमस्ते कोणसंस्थाचं पिंगलाय नमो एक स्तुते
नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमो ए स्तुत
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मंदसज्ञाय शनैश्चर नमो ए स्तुते
प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च
कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रौदोए न्तको यम:
सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:
एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय ए पठेत्
शनैश्चरकृता पीडा न कदचित् भविष्यति
शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काले चने, सरसों के तेल से बने पकवान, खिचड़ी, उड़द दाल से बनी वस्तुएं और गुड़ का भोग विशेष रूप से अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, सरसों के तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। यह भोग श्रद्धा और भक्ति के साथ अर्पित करना चाहिए ताकि शनिदेव की कृपा बनी रहे।