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Shiv Mantra: सोमवार को करें शिव के इन 5 मंत्रों का जाप, जीवन से दूर हो सकते हैं सारे कष्ट

Shiv Mantra: शिव जी के खास मंत्रों का जाप करने से न केवल कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि मन को भी शांति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं सोमवार को किए जाने वाले वे शक्तिशाली मंत्र, जो आपके जीवन को सुख, समृद्धि और सफलता से भर देंगे।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 28, 2025

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Mantras to please Lord Shiva|फोटो सोर्स – Freepik

Shiv Mantra: सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिल सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव जी के खास मंत्रों का जाप करने से न केवल कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि मन को भी शांति प्राप्त होती है। शिव की उपासना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं सोमवार को किए जाने वाले वे शक्तिशाली मंत्र, जो आपके जीवन को सुख, समृद्धि और सफलता से भर देंगे।

भगवान शिव के पवित्र मंत्र

पंचाक्षरी मंत्र – ॐ नमः शिवाय

इसका अर्थ है – “मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ।”

लाभ: जो भी व्यक्ति श्रद्धा से इस मंत्र का जाप करता है, उसके भीतर एक गहरी शांति और स्थिरता का भाव उत्पन्न होता है। लगातार जप करने से नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में नए अवसर मिलने लगते हैं। यह मंत्र साधक को भीतर से सशक्त बनाकर हर प्रकार की बाधाओं से उबारने की क्षमता रखता है।

महामृत्युंजय मंत्र – जीवन रक्षा का महामंत्र


“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

लाभ: इस मंत्र का भाव है कि हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की उपासना करते हैं, जो सभी प्राणियों का पालन-पोषण करते हैं। उनसे प्रार्थना है कि वे हमें मृत्यु और संकटों से मुक्त करें, जैसे पका हुआ फल सहज ही बेल से अलग हो जाता है।
इसे ‘संजीवनी मंत्र’ भी कहा जाता है। इसका नियमित जप व्यक्ति को असमय मृत्यु, भय, रोग और बड़े संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है।

रुद्र मंत्र – संकट से मुक्ति का मार्ग


“ॐ नमो भगवते रुद्राय”

अर्थ है – “मैं भगवान रुद्र को प्रणाम करता हूँ।”

लाभ: जब जीवन में बड़े अवरोध, दुःख या कठिनाइयाँ सामने आती हैं, तब यह मंत्र एक ढाल की तरह काम करता है। यह व्यक्ति को हिम्मत और स्थिरता देता है, जिससे वह मुश्किलों से बाहर निकलकर सफलता की राह पकड़ सके।

बंधनों से मुक्ति का मंत्र

ॐ पशुपतये नमः

इसका अर्थ है – “मैं सम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी भगवान पशुपति को नमन करता हूँ।”
लाभ: यह मंत्र विशेष रूप से ध्यान और साधना के समय जपा जाता है। इसके प्रभाव से सांसारिक मोह-माया और मानसिक बंधन धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। मन शांत होता है और आत्मबल प्रबल होता है।

शिव गायत्री मंत्र – आत्मज्ञान और बुद्धि का स्रोत


“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥”

इसका भाव है – हम महादेव का ध्यान करते हैं, वे हमें ज्ञान और विवेक की शक्ति प्रदान करें।
लाभ: जो लोग मानसिक द्वंद्व में रहते हैं या जीवन में सही निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करते हैं, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। यह साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा जगाता है और मन को एकाग्र करता है।