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Maa Brahmacharini Mantra, Shardiya Navratri Day 2: मंत्रों और आरती से करें मां ब्रह्मचारिणी का आवाहन, नवरात्रि में हर मनोकामना हो सकती है पूर्ण

Maa Brahmacharini Mantra Aarti, Navratri Day 2: शारदीय नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है।ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी का आवाहन करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं नवरात्रि के इन पावन दिनों में पूर्ण होती हैं।

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Sep 22, 2025
Navratri Day 2 Maa Brahmacharini Mantra|फोटो सोर्स – Freepik

Maa Brahmacharini Mantra Aarti In Hindi: शारदीय नवरात्रि 2025 का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है तप, त्याग और साधना की प्रतीक यह देवी भक्तों को आत्मबल, संयम और लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती हैं। नवरात्र के इस दिव्य अवसर पर मां ब्रह्मचारिणी का पूजन, मंत्र जाप और आरती करने से साधक को अपार ऊर्जा, ज्ञान और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्मचारिणी का आवाहन करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं नवरात्रि के इन पावन दिनों में पूर्ण होती हैं। इस लेख में जानिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, चमत्कारी मंत्र, और आरती, जिनके माध्यम से आप देवी को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन को सुख, शांति व समृद्धि से भर सकते हैं।

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मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

दुर्गा सप्तशती के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत शांत और तपस्विनी है। वे श्वेत वस्त्र धारण किए रहती हैं, जो पवित्रता और सात्विकता का प्रतीक है। उनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। यह रूप तप, संयम और साधना की महत्ता को दर्शाता है, जिससे भक्तों को आत्मबल और धैर्य की प्रेरणा मिलती है।

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini Mantra)

  1. या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

  1. ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.

सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..

  1. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी का स्रोत पाठ

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥

मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Aarti)

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।

जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।

ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।

जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता।

जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए।

कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने।

जो ​तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर।

जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना।

मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।

पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।

रखना लाज मेरी महतारी।

मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग (Maa Brahmacharini Bhog)

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी को चीनी अर्पित करने से साधक को सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। यह भोग न केवल मनोवांछित फल देता है, बल्कि दीर्घायु और सुख-समृद्धि का भी आशीर्वाद प्रदान करता है।

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