RSS- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस शुरु से ही अखंड भारत की परिकल्पना को साकार करने की बात करते रहा है।
RSS- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस शुरु से ही अखंड भारत की परिकल्पना को साकार करने की बात करते रहा है।
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रविवार को इशारों ही इशारों में यह मंशा जाहिर भी कर दी। एमपी के सतना में बीटीआई ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे घर का एक कमरा छूट गया है, वक्त आएगा जब हमें फिर से वहां अपना डेरा डालना होगा। डॉ. मोहन भागवत के ऐसा कहते ही पूरा ग्राउंड तालियों से गूंज उठा।
सतना में अपने प्रवास के दूसरे दिन संघ प्रमुख ने बाबा मेहर शाह दरबार की नव निर्मित बिल्डिंग का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत और हिंदुओं की एकता का संदेश दिया। डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी सनातनी और हिन्दू हैं लेकिन अंग्रेजों ने टूटा हुआ दर्पण दिखा कर अलग-अलग कर दिया। हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक ही दिखेंगे।
संघ प्रमुख ने भाषा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि सारी भाषाएं भारत की राष्ट्र भाषा है। उन्होंने कहा कि हरेक नागरिक को कम से कम 3 भाषा आना चाहिए। अपने घर, राज्य और राष्ट्र की भाषा आनी ही चाहिए। देश में अनेक भाषाएं है पर भाव एक ही होता है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जनसभा में ‘अखंड भारत’ के संकल्प को एक बार फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि “हमारा भारत एक ही घर है। घर का एक कमरा किसी ने हथिया लिया है जहां टेबल कुर्सी, कपड़े या सामान हुआ करता था। अब वक्त आएगा जब हमें फिर से वहां अपना डेरा डालना होगा।”
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमारे बहुत से सिंधी भाई यहां हैं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गए। परिस्थितियों ने हमें अलग जरूर कर दिया लेकिन दिल से हम अब भी एक हैं। हमारा घर एक ही है, बस उसका एक हिस्सा फिलहाल हमारे पास नहीं है। सिंधी भाई पाकिस्तान नहीं गए वे अविभाजित भारत आए, मुझे इस बात की खुशी है। हम घर का जो कमरा छोड़कर आए हैं, कल उसे वापस लेकर फिर से डेरा डालना है।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि दुनियाभर में जहां भी भारतीय जाते हैं उन्हें लोग ‘हिंदू’ या ‘हिंदवी’ कहते हैं। भले ही कुछ लोग खुद को हिंदू कहने से कतराते हों लेकिन विश्व हमें उसी रूप में पहचानता है। यह हमारी सांस्कृतिक सच्चाई है, जिसे स्वीकार करना चाहिए।
कार्यक्रम में दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास महाराज, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, भोपाल के विधायक भगवान दास सबनानी, जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी सहित, साधु संत व आमजन मौजूद थे।
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