Badarwas Farmers : बदरवास विकास खंड में हुई दो घंटे की बारिश किसानों के लिए कहर बनकर टूट पड़ी है। किसानों ने मक्का की फसल खेत में कटकर सूखने रख रखी थी और अचानक बारिश होने से कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है। पत्रिका की पड़ताल में किसानों का दर्द छलकता दिखाई दिया।
संजीव जाट की रिपोर्ट
Badarwas Farmers :मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास क्षेत्र में बीती रात हुई झमाझम बारिश जिले के किसानों के लिए मुसाबत साबित हुई है। बारिश के चलते खेतो में सूखने के लिए रखी फसल पूरी तरह से पानी से भीग गई है, जिससे किसानों को इस बार की फसल में बड़ा नुकसान बहोने की आशंका है। इधर, जानकारी लगते ही पत्रिका द्वारा ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात जानने के प्रयास किए गए तो यहां नुकसान के कारण किसानों का दर्द छलकता दिखा।
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बदरवास विकास खंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम मड़वासा में बीती रात्रि करीब 3 बजे से 5 बजे तक दो घंटे की बारिश से किसानों की करीब 90 प्रतिशत फसलों को प्रभावित किया है। क्योंकि, किसानों द्वारा ये फसल काटने के बाद खेतो में सूखने के लिए छोड़ रखी थी। लेकिन, देर रात को अचानक शुरु हुई झमाझम बरसात ने किसानों को फसल हटाने तक का मौका नहीं दिया।
हालात का जायजा लेने पत्रिका संवाददाता बदरवास विकास खंड के ग्राम मडवासा, मेघोना बड़ा, मैघोनाबड़ा, मड़वासा,पिरोठ, वरोदिया, देवरी, खतोरा, रामगढ़, तरावाली पहुंचे। जहां किसानों ने उन्हें अपनी भीगी हुई मक्का की फसल दिखाते हुए कहा कि, भीगने से सबसे पहले तो उक्त फसल वजन कम होता है। साथ ही, इसमें अंकुर फूट जाते हैं और जिस दानें में अंकुर नहीं फूटते तो वो काली पड जाती है। ऐसी फसल का उचित भाव भी नहीं मिल पाता। लेकिन किसान की इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद मौसम की मार के चलते उनके तैयार की तैयार फसल बर्बाद हो जाती है। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि, जिम्मेदारों की ओर से भी इस गंभीरता को नहीं समझा जाता।
इस संबंध में पूर्व सरपंच जयपाल सिंह यादव ने बताया की रात में हुई बारिश से खेतों में सूखने रखी मक्का की फसल जो की भीग गई। कुछ समय में ये चमचमाती मक्का की फसल काली पड़ जाएगी। यही नहीं इसका जन भी काफी कम हो जाएगा और वो अंकुरित होने लगती है। उन्होंने कहा कि, किसानों को पहले हुए फसल बीमा का लाभ तक नही मिल सका है। लगातार हुई बारिश से पहले ही यहां किसानों की काफी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और अब एक बार फिर आई इस प्राकृतिक आपदा से खेतों में कटकर रखी मक्का की फसल भी भीगकर खराब हो गई हैं। उन्होंने कहा कि, सरकार को किसानों की यपीड़ा समझनी चाहिए।