Rajasthan Green field Expressway: राजस्थान के बनने वाले कोटपूतली-किशनगढ़ छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के विरोध में किसानों ने मोर्चा खोल दिया है।
सीकर। किसानों ने नीमकाथाना से निकल रहे कोटपूतली-किशनगढ़ छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर किसानों ने मंगलवार को भूदोली बाइपास पर पंचायत कर आंदोलन का बिगुल बजा दिया।
महापंचायत में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि सरकार कोटपूतली-किशनगढ़ छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की घोषणा को तत्काल वापस ले। सरकार से किसानों ने खेत के लिए यमुना का जल, एमएसपी का कानून, खराब हुई फसल का मुआवजा तथा युवाओं को रोजगार की मांग की थी। लेकिन, सरकार ने ये काम तो किए नहीं बल्कि किसानों की जमीन लेना शुरू कर दी।
जाट ने कहा कि सरकार ने कोटपूतली-किशनगढ़ छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 6500 बीघा जमीन अधिग्रहण करेगी। राजस्थान में इस तरह के नौ कॉरिडोर है। किसान सभी जगह से इन कॉरिडोर का विरोध कर रहे है।
जाट ने बताया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे किसानों के लिए उपयोगी नहीं है। यह लगभग 15 फीट ऊपर बनाए जाएगे। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के कारण किसी का खेत दो भागों में बंट गया तो वो किसान परेशान हो जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव मुसद्दी लाल, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण जाखड़, पार्षद राजपाल डोई, सरपंच बसंत यादव, सामाजिक कार्यकर्ता शुभम चोपड़ा गांवड़ी सहित काफी संया में किसान मौजूद रहे।
महापंचायत में मौजूद किसानों ने बताया कि बिना उचित मुआवज़े व पुनर्वास नीति के जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए। ऐसा नहीं करने पर प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर किसानों ने एकस्वर में कहा कि जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे।