सीकर

राजस्थान में अजीब उलझन में हैं बोर्ड विद्यार्थी, घर पर टॉपर्स, परीक्षा में फिसड्डी, सीकर में हुए ताजा सर्वे से हुआ बड़ा खुलासा

Rajasthan : राजस्थान में अजीब उलझन में हैं बोर्ड विद्यार्थी। घर में टॉपर्स, पर परीक्षा में फिसड्डी रहते हैं। सीकर में हुए ताजा सर्वे में जो वजह बाहर आई, जानकार चौंके अभिभावक। 61 स्कूलों के 8,000 से अधिक विद्यार्थियों पर सर्वे हुआ था।

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Sep 25, 2025
फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan : सीकर. हजारों बोर्ड विद्यार्थी इन दिनों एक अजीब उलझन में हैं, पूरी पढ़ाई करने और परीक्षा की प€क्की तैयारी करने पर भी स्कोर उम्मीद से कम आ रहे हैं। ताजा सर्वे में इसका यह कारण सामने आया है कि परीक्षा में तनाव, समय प्रबंधन की कमी और लिखने की कमजोर शैली ने उनके मेहनत के नंबर छीन लिए। पूरी पढ़ाई के बाद भी विद्यार्थियों का स्कोर नहीं चमक रहा है। इससे विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों भी चिंता में हैं।

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विद्यार्थियों के सर्वे में कई तथ्य आए सामने

सीकर के 61 स्कूलों में आठ हजार से अधिक बोर्ड विद्यार्थियों पर सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। सर्वे दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों की प्री-बोर्ड की कॉपियों को आधार बनाया गया। इसमें सामने आया कि 5430 ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनको प्रश्न का उत्तर आता था, लेकिन समय नहीं बचने के कारण प्रश्न छोड़ दिया। वहीं 1196 विद्यार्थी ऐसे भी सामने आए है, जिनकी लिखने की शैली खराब होने की वजह से स्कोर बिगड़ा। वहीं 1374 विद्यार्थियों का तनाव ने स्कोर बिगाड़ दिया।

सुधार के लिए शिक्षकों ने मिशन शुरू किया

ए€क्सपर्ट ने बताया कि विद्यार्थियों की ओर से इन कमियों को सुधारने पर परिणाम में वे भी चमक सकते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों ने सुधार के लिए मिशन भी शुरू किया है।

ऐसे समझें विद्यार्थी और अभिभावकों का दर्द

केस 1- सीकर निवासी राधिका सिंह ने बताया कि बेटा एक निजी स्कूल में कक्षा दसवीं का छात्र है। प्री-बोर्ड की काफी बेहतर तरीके से तैयारी भी करता है। घर पर जब रिविजन कराते हैं तो फर्राटेदार तरीके से सवालों के जवाब देता है। लेकिन प्री बोर्ड में स्कोर 85 फीसदी पर ही अटक गया। स्पीड कम होने से गणित-विज्ञान व अंग्रेजी में कई सवाल छूट गए।

केस 2- 12वीं विज्ञान वर्ग की छात्रा सुनीता प्रजापत के हिन्दी व अंग्रेजी में लिखने का तरीका सही नहीं होने की वजह से अंक कट गए। विद्यार्थियों की आंसर शीट का ए€क्सपर्ट शिक्षकों ने विश्लेषण किया। जिन सवालों के जवाब दो से तीन लाइन में देने थे उनके उत्तर तो लंबे दे दिए। जिन प्रश्नों के उत्तर विस्तार से देने थे उनके उत्तर काफी शॉर्ट में दे दिए।

स्कोर चमक सकता है…

स्कूली विद्यार्थियों की प्रीबोर्ड की कॉपियों को लेकर एक सर्वे किया था। इसमें सामने आया कि बहुत से ऐसे विद्यार्थी है,जिनको पेपर के प्रश्नों का उत्तर आने के बाद भी समय नहीं बचने पर छोड़कर आ गए। वहीं काफी विद्यार्थियों की शैली खराब होने की वजह से स्कोर बिगड़ा है। यदि समय प्रबंधन के साथ लिखने की शैली सुधारी जाए तो ऐसे विद्यार्थियों का स्कोर और चमक सकता है।
हितेश शर्मा, कॅरियर कांउसलर, सीकर

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Published on:
25 Sept 2025 10:39 am
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