Rajasthan District News : भजनलाल सरकार की कैबिनेट ने सीकर से संभाग का दर्जा छीन लिया है। इस फैसले के बाद सीकर में AIIMS व IIT स्तर का इंस्टीट्यूट खुलने का रास्ता बंद हो गया है। सीकर की जनता बुरी तरह से नाराज है।
Rajasthan District News : सरकार की उपेक्षा सीकर जिले पर लगातार भारी पड़ रही है। संभाग छीनने से पहले भी सरकार सीकर को नगर निगम नहीं बनाकर बड़ा हक मार चुकी है। बजट में संभाग स्तर पर घोषित बालिका सैन्य एकेडमी भी सीकर की बजाय चूरू को देकर जिले के साथ अन्याय किया गया। अब जब संभाग का दर्जा छीना है तो अन्य सुविधाओं के साथ संभाग स्तर पर घोषित एम्स व आइआइटी स्तर के मेडिकल व तकनीकी शिक्षण संस्थान व स्पोर्ट्स कॉलेज खुलने का रास्ता भी बंद हो जाएगा। ऐसे में राज्य सरकार का फैसला शिक्षा नगरी के लिहाज से भी जिले को भारी नुकसान पहुंचाने वाला साबित होगा। जिसके खिलाफ लोगों का आक्रोश भी उबाल खाने लगा है।
विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने हर संभाग में आइआइटी की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और एम्स की तर्ज पर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस स्थापित करने की घोषणा मोदी की गारंटी के रूप में की थी। सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इन संभाग स्तरीय संस्थाओं की घोषणा कई बार कर चुके हैं। इधर, हर संभाग में स्पोर्ट्स कॉलेज की घोषणा भी सरकार ने जुलाई में घोषित बजट में की थी। पर अब संभाग के दर्जे के साथ ही इन संस्थाओं का हक भी छिन जाएगा। ऐसे में युवाओं के सपने पर ये बड़ा कुठाराघात होगा।
सरकार ने बजट में हर संभाग स्तरीय कॉलेज में रोजगार मेले की घोषणा भी की थी। जो अगले महीने जनवरी में प्रस्तावित है। इसके लिए भी सरकार ने सीकर जिले को पहले से ही बाहर कर दिया था। जिसके चलते बेरोजगार युवाओं को जयपुर के ही चक्कर काटने होंगे।
संभाग से पहले सीकर के हाथ से नगर निगम व बालिका सैन्य एकेडमी भी फिसल चुकी है। जुलाई महीने में पूर्ण बजट में सरकार ने सीकर से छोटा शहर होने पर भी पाली को तो नगर निगम बना दिया, लेकिन अधिकतर पात्रता पूरी करने पर भी सीकर को उससे वंचित रखा। इसके बाद संभाग स्तर पर घोषित बालिका सैन्य एकेडमी भी मुख्यालय पर खोलने की बजाय चूरू के तालछापर में प्रस्तावित कर दी।
चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने पशुपालकों को उचित मूल्य पर पशु और मुर्गी का चारा उपलब्ध कराने के लिए संभाग स्तर पर पशु और पोल्ट्री चारा निर्माण यूनिट, कचरे को रीसाइकलिंग के लिए पार्क तथा छोटे, लघु व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई विकास एवं सुविधा केंद्र स्थापित करने का वादा भी किया था। जिन्हें भी यदि सरकार आगामी वर्षों में पूरा करती है तो संभाग हटने पर सीकर को उनका लाभ भी नहीं मिल सकेगा।
सीकर को संभाग बनाने का जो कार्य कांग्रेस सरकार ने किया उसे वापस लेकर भाजपा सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना का परिचय दिया है। जो शिक्षा नगरी देशभर के युवाओं का भविष्य बना रही है, उसकी ही लगातार उपेक्षा कर सरकार युवा विरोधी होने का प्रमाण भी दे रही है। सीकर को संभाग व नगर निगम बनाने के लिए युवाओं का आक्रोश अब सरकार सड़क पर देखेगी।
ओमप्रकाश नागा, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई
सरकार ने सीकर से संभाग का दर्जा ही नहीं, लाखों युवाओं के सपने व भविष्य को छीना है। इससे जिले के विकास की रफ्तार पर भी ब्रेक लगेगा। संगठन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार के फैसले के विरोध में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
महेश पालीवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, एसएफआई।