Rajasthan News: सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन पर रोक लगाने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।
Rajasthan News: सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र में अवैध बजरी परिवहन पर रोक लगाने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। खनन विभाग की ओर से बीते छह माह में महज अवैध खनन करने वालों के खिलाफ महज दस प्रकरण दर्ज करवाए गए है। इस खानापूर्ति का नजीता है कि शहर की गलियों से रोजाना बजरी से भरी ट्रॉलियां बेखौफ गुजर रही हैं।
सुबह-शाम गलियों में दौड़ती इन ट्रॉलियों को देखकर साफ झलकता है कि विभाग की कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। विभागीय दावों के बावजूद जमीन पर हालात जस के तस हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में खुलेआम बजरी ढोई जा रही है और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती।
कई बार तो बजरी से भरी ये ट्रॉलियां मुय बाजारों और आवासीय इलाकों से होकर गुजरती हैं, जिससे हादसों का खतरा भी बना रहता है। इधर, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि बजरी के अवैध खनन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जो वाहन अवैध रूप से बजरी का परिवहन करते पकड़े जा रहे हैं, उनके खिलाफ सत कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जमीनी सच्चाई जिमेदारों के इन दावों से मेल नहीं खाती है।
सूत्रों के अनुसार बजरी माफियाओं की पहुंच इतनी गहरी है कि कई बार विभागीय कार्रवाई शुरू होने से पहले ही उन्हें इसकी भनक लग जाती है। यही वजह है कि प्रशासनिक सती के अभाव में यह धंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। विभाग की कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा समान साबित हो रही है।
जिमेदारों का दावा है कि बजरी के अवैध खनन और परिवहन पर लगाम कसने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने छह महीनों में अवैध बजरी खनन करने वालों पर तीन एफआईआर दर्ज करवाई हैं और 10 प्रकरणों में 12.47 लाख रुपए वसूले गए हैं।
रोजाना सैकड़ों ट्रॉलियां बिना अनुमति बजरी लेकर निकलती हैं। इनमें से कई ट्रॉलियां शहर की तंग गलियों से होकर गुजरती हैं, जिससे सड़कों को तो नुकसान पहुंच रहा है और राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके बावजूद न तो खनन विभाग और न ही पुलिस इन पर लगाम लगाने में सफल हो पा रही है। इसके चलते अवैध खनन का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है।
क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि दिन और रात दोनों समय सघन जांच अभियान चलाया जाए तथा अवैध बजरी परिवहन पर रोक लगाने के लिए स्थायी चौकियां स्थापित की जाएं। जब तक सत निगरानी नहीं होगी, तब तक बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाना मुश्किल है।
जिमेदार बोले….
विभाग की ओर से बीते छह माह में 10 प्रकरण दर्ज कर करीब 12.47 लाख का जुर्माना वसूला गया है। तीन एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं। क्षेत्र में अवैध बजरी ढोने वाले वाहनों पर नियमित कार्रवाई की जा रही है।
- अशोक वर्मा, सहायक अभियंता, खनि. नीमकाथाना