Ganesh Chaturthi 2025: माउंट आबू का सिद्धि विनायक गणेश मंदिर गोबर से बनी प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। गणेश चतुर्थी पर देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। पुरातन मान्यता अनुसार, गौरी शिखर पर्वत पर जन्मे गणेश जी की पूजा गोबर स्वरूप में होती है।
Ganesh Chaturthi 2025: सिरोही: राजस्थान के माउंट आबू में स्थित सिद्धि विनायक गणेश मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर हनीमून पॉइंट के पास एक पहाड़ी पर स्थित है, जहां भगवान गणेश की गोबर से बनी प्रतिमा की पूजा होती है।
इस वजह से इसे "गोबर गणेश मंदिर" के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का जीर्णोद्धार 1994 में महंत नरसिंह दास जी के नेतृत्व में किया गया था। जीर्णोद्धार से पहले प्रतिमा पर विधिवत घी और सिंदूर मिलाकर पूजा की जाती थी, और मंदिर में चढ़ाए गए सिंदूर का प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।
मंदिर में गणेश जी पर चढ़ाई जाने वाली चांदी की सजावट खास जयपुर से मंगवाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यहां महाराष्ट्र और गुजरात से भी पर्यटक पहुंचते हैं। पुरातन मान्यता है कि प्राचीन काल में हवन के दौरान गोबर गणेश की स्थापना की गई थी और तभी से प्रतिमा गोबर स्वरूप में पूजी जाती है।
स्कंद पुराण के अर्बुद खंड के अनुसार, गौरी शिखर पर्वत (अर्बुद पर्वत) पर ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। माता पार्वती ने पुत्र प्राप्ति का वर मांगा और भगवान शिव ने उन्हें पुण्यंक व्रत करने के लिए कहा। जन्म के समय 33 करोड़ देवताओं के साथ भगवान शंकर ने अर्बुदारण्य की परिक्रमा की। सिद्धि विनायक गणेश मंदिर धार्मिक आस्था, पुराणिक मान्यता और सांस्कृतिक परंपरा का अद्वितीय संगम है।