15 दिन पहले हुई भारी बारिश के कारण भटकल तालुक के तलगोड़ के गोंडरकेरी रोड पर गिरे पहाड़ी की मिट्टी के ढेर को अब तक नहीं हटाए जाने से स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है। तलगोड़ के गोंडरकेरी में लगभग 30 से अधिक घर हैं।
कारवार. 15 दिन पहले हुई भारी बारिश के कारण भटकल तालुक के तलगोड़ के गोंडरकेरी रोड पर गिरे पहाड़ी की मिट्टी के ढेर को अब तक नहीं हटाए जाने से स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है।
तलगोड़ के गोंडरकेरी में लगभग 30 से अधिक घर हैं।
यह पहाड़ी उसी समय गिरी जब अंकोला में शिरूर पहाड़ी गिरी थी। तालुक प्रशासन ने मौके का निरीक्षण करते हुए भूस्खलन स्थल के पास बैरिकेड लगा दिया और सडक़ पर यातायात को अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित किया था।
स्थानीय निवासी सुकरा गोंडा का कहना है कि भटकल बंदरगाह से तलगोड़ गोंडरकेरी को जोडऩे वाली सडक़ को बैरिकेड्स लगाकर अवरुद्ध करने के कारण वाहनों की आवाजाही बंद होने से स्थानीय लोगों को प्रतिदिन पैदल चलना पड़ रहा है। बंदरगाह स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे समेत बंदरगाह और मावीनकुर्वे काम के लिए जाने वाले लोग मगदुम कॉलोनी से होकर पैदल बेल्नी के बंदरगाह पहुंचने की स्थिति पैदा हो गई है। समस्या यह है कि हमें पांच किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी लोकेश नायक का कहना है कि लगभग 60 से 70 फीट ऊंची इस पहाड़ी के निचले हिस्से में भूस्खलन हुआ है। पहाड़ी के ऊपर बड़े-बड़े पत्थर हैं। एक बार पहाड़ी ढह गई और पत्थर नीचे खिसकने पर बड़ा हादसा हो सकता है। जहां भूस्खलन हुआ है उस सडक़ के नीचे के हिस्से में 10 मीटर की दूरी पर पांच घर हैं और वहां के निवासियों के लिए यह पहाड़ी खतरनाक है।
तलगोड़ में पहाड़ी ढहने की मिट्टी को हटाकर अवरोधक दीवार निर्माण करने के लिए 55 लाख रुपए की अनुमानित कार्ययोजना तैयार कर मंजूरी के लिए जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया है। सडक़ के नीचे के घर दूर हैं और उन्हें सावधान रहने की चेतावनी दी गई है। तलगोड़ के ग्रामीणों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था है। उनसे मिट्टी हटाने तक सहयोग करने का अनुरोध किया गया है।
-नागराज नायकड, तहसीलदार, भटकल