22 सदस्यीय फर्जी फुटबॉल टीम 15 दिन का वीजा पाने में कामयाब रही। यह टीम जून 2025 को जापान पहुंची थी।
Fake Pakistan Football Team: पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने एक मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। अपने बयान में FIA ने कहा कि धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद एक नकली पाकिस्तान फुटबॉल टीम को जापान से निर्वासित कर दिया गया। एफआईए ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मुख्य आरोपी वकास अली को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, 22 सदस्यों वाली यह टीम मूल रूप से मानव तस्करी गिरोह का एक समूह थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 सदस्यीय फर्जी फुटबॉल टीम 15 दिन का वीजा पाने में कामयाब रही। यह टीम जून 2025 को जापान पहुंची थी। हालांकि इसे एयरपोर्ट पर जापानी अधिकारियों ने पकड़ लिया और वापस भेज दिया। इसके बाद मामले की सूचना एफआईए को दी।
हालांकि अभी तक अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये लोग बिना पकड़े पाकिस्तानी हवाई अड्डों से कैसे दूसरे देश पहुंचे थे। जांचकर्ताओं ने इस योजना का पता सियालकोट के पसरूर निवासी वकास से लगाया। बता दें कि वकास ने कथित तौर पर गोल्डन फुटबॉल ट्रायल नाम से एक फर्जी फुटबॉल क्लब शुरू किया था।
गौरतलब है कि वकास ने इस यात्रा के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 40 लाख से 45 लाख रुपये के बीच फीस ली थी। गुजरांवाला स्थित एफआईए के कम्पोजिट सर्कल ने उसे 15 सितंबर को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं।
गिरोह ने न केवल सिर से पांव तक फुटबॉल किट पहन रखी थी और पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन के साथ पंजीकृत होने का झूठा दावा किया था, बल्कि उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्होंने एक जापानी क्लब के साथ मैच निर्धारित कर रखे हैं।
बता दें कि इस तरह का मामला यह पहली बार सामने नहीं आया है, इससे पहले भी ऐसा मामला आ चुका है। जांच के दौरान मुख्य संदिग्ध वकास अली ने खुलासा किया कि उसका नेटवर्क 2024 में 17 लोगों को जापान भेजने में भी कामयाब रहा, उन्हें पाकिस्तान फुटबॉल टीम के सदस्य के रूप में दिखाया गया, जो कभी वापस नहीं लौटे।