सरदारपुरा खर्था-ठेठार के बीच घग्घर नदी पर तीन वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल महज तीन वर्ष में ही जर्जर हो गया है। जिससे पुल से गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ हादसे होने का खतरा बना हुआ है।
Suratgarh (suratgarh thermal) News: ग्रामीणों की दशकों पुरानी मांग के बाद सरदारपुरा खर्था-ठेठार के बीच घग्घर नदी पर तीन वर्ष पूर्व लोकार्पित घग्घर पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। निकटवर्ती ठेठार व सरदारपुरा खर्था पंचायत को जोडऩे वाले इस पुल का लोकार्पण 27 अगस्त 2021 को समारोहपूर्वक किया गया था। लेकिन तीन वर्ष से भी कम अंतराल में ही पुल के सरिए निकलने लगे हैं तथा सडक़ की कॉन्क्रीट जगह-जगह से उखडऩे लगी है। जिससे वाहन चालकों के साथ हादसों का खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी ठेका फर्म पर ठोस कार्रवाई करने के स्थान पर केवल लीपापोती में लगे हुए हैं। इसको लेकर ग्रामीणों और वाहन चालकों में भारी रोष व्याप्त है।
गौरतलब है कि बारिश के मौसम के दौरान जब घग्घर नदी में पानी आने के दौरान ठेठार व सरदारपुरा खर्था गांवों का सम्पर्क आपस में कट जाता था। इस कारण ग्रामीणों सहित सूरतगढ़ थर्मल काम करने के लिए आने वाले लोगों को नावों से आवागमन करना पड़ता था। इसके अलावा ठेठार, सोमासर, एटा सहित दर्जनों गांवों के लोगों को पीलीबंगा अथवा हनुमानगढ़ आने जाने वाहनों को सूरतगढ़ होकर 40 से 50 किमी लम्बा रास्ता तय करना पड़ता था। इससे जहां समय अधिक लगता था, वहीं नागरिकों की जेब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। इसको देखते हुए ग्रामीण दशकों से सरदारपुरा खर्था और ठेठार के बीच घग्घर नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे। दो बार निविदा निरस्त होने व तमाम अड़चनों के बाद करीब 12 वर्ष बाद इस पुल को तीन वर्ष पूर्व आमजन के उपयोग के लिए खोला गया था। जिसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों और थर्मल कर्मचारियों ने राहत की सांस ली थी। पुल का निर्माण होने से थर्मल क्षेत्र के करीब चार दर्जन गांवों का आवागमन सुलभ हो गया था।
सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब छह करोड़ रुपए की लागत से निर्मित घग्घर पुल की गुणवत्ता निर्माण के बाद से ही लगातार सवालों के घेरे में रही है। गत वर्ष हुई बारिश के कारण भी इस 70 मीटर लम्बे घग्घर पुल के किनारों पर कटाव आ गए थे। जिससे पुल व सडक़ टूट गई थी। इसको लेकर ग्रामीणों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को अवगत करवाते पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए रोष जाहिर किया था। लेकिन विभाग ने ठेका फर्म पर कार्रवाई करने के बजाय मात्र कटाव भरकर लीपापोती कर दी थी। लेकिन इसके बाद विगत छह माह से पुल की कॉन्क्रीट उखडने से सरिए निकल गए हैं। जिसके कारण पुल से गुजरने वाले वाहनों के टायर फट जाते हैं। इस कारण कई वाहन हादसों का शिकार भी हो चुके हैं।
ग्रामीण रामिनवास ओझा, पृथ्वी मोट, घनश्याम सोनी आदि ने बताया कि विभाग व प्रशासन की अनदेखी के कारण पुल से निकले सरियों से वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे है। आए दिन इन सरियों के कारण वाहनों के टायर फट जाते हैं। वहीं कई सरिये तो तीन फीट ऊंचाई तक निकले हुए हैं। जिससे अक्सर वाहन इनसे टकरा कर क्षतिग्रस्त भी हो रहे हैं। इस संबंध में सार्वजनिक निर्माण विभाग को कई बार अवगत करवा चुके हैं लेकिन ऐसा लगता है कि विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।