गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मुंबई तक फैल चुका है। श्रीगंगानगर पुलिस प्रशासन ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों को मोस्ट वांटेड अपराधी घोषित कर रखा है।
Lawrence Bishnoi gang: श्रीगंगानगर इलाके में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नेाई गैंग की ओर से रंगदारी का बड़ा खेल चल रहा था। पुलिस की गिरफ्त में आए तीन आरोपियों ने पूछताछ में कई खुलासे किए। यह मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस प्रशासन ने श्रीगंगानगर के अलावा हनुमानगढ़, जोधपुर और बीकानेर के अफसरों से गहन पूछताछ की जिम्मेदारी दी।
बता दें कि अब तक की जांच में सामने आया है कि जोधपुर से रंगदारी की रकम करीब एक करोड़ रुपए लेकर रायसिंहनगर क्षेत्र के तीन युवक लग्जरी कार से आ रहे थे। पुलिस ने इस कार से 91 लाख रुपए की नकदी जब्त की थी। पकड़े गए तीनों युवक सिर्फ कैरियर का काम करते थे। इनको जिम्मेदारी मिली थी कि वे जोधपुर से यह रकम रायसिंहनगर के पास गांव में एक युवक तक पहुंचानी है।
इस गैंग ने जोधपुर से लेकर पंजाब तक अपना नेटवर्क बना रखा था। विदेश में बैठे लोगों से रंगदारी की रकम से धमकी दिलाई गई। जोधपुर से रंगदारी की रकम वसूल कर रायसिंहनगर तक और वहां से यह रकम पंजाब जानी थी, लेकिन पुलिस ने रकम पकड़ ली।
पुलिस फाजिल्का क्षेत्र के अलावा जोधपुर, रायसिंहनगर क्षेत्र सावंतसर गांव के एक शख्स, बीकानेर जिले से भी दो और हनुमानगढ़ के कई संदिग्ध युवकों की दबोचकर रायसिंहनगर थाने लाई। मंगलवार शाम तक सात युवकों को पकड़कर पूछताछ की। थाने को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव 35 एनपी निवासी कुलदीप, सतजंडा निवासी अमन और 3 आईएसडब्ल्यू निवासी रामस्वरूप को रंगदारी की रकम का जोधपुर से रायसिंहनगर और श्रीगंगानगर पहुंचानी थी। जबकि सांवसर से पकड़े युवक को इस रकम को राजस्थान से बाहर भिजवाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
पूछताछ में युवकों ने बताया कि यह रकम गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे शेंटी के लिए लाई जा रही थी। तीनों के पकड़े जाने के बाद शेंटी फरार हो गया। रंगदारी की रकम एक करोड़ रुपए थी, लेकिन बिचौलिए ने नौ लाख रुपए अपना हिस्सा निकाल लिया और जोधपुर क्षेत्र में ही उतर गया था।
रंगदारी की रकम की उगाही जोधपुर के जयपाल जांदू और जयमल जांदू ने की थी। इन दोनों को जोधपुर पुलिस ने हिरासत में लिया और रायसिंहनगर थाने लेकर आई। पकड़े गए आरेापियों के साथ इन दोनों भाइयों से तस्दीक कराई है।
पुलिस ने यह पुष्टि नहीं की है कि इन दोनों भाइयों की भूमिका कैसे सामने आई। हालांकि, दोनों के तार फाजिल्का और चंडीगढ़ में बैठे गैंग के अन्य सदस्यों के साथ थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले के तार पंजाब-हरियाणा के अलावा राजस्थान के कई जिलों से जुड़े हुए हैं।
इस हाई प्रोफाइल केस को सुलझाने के लिए पुलिस के कई अफसरों की टीम और अन्य जांच एजेसिंयों को बुलाया है। इस वजह से थाने में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। थाने पर आए कई फरियादियों को थाने के बाहर ही सुना गया।
श्रीगंगानगर से एडिशनल एसपी रघुवीर प्रसाद शर्मा, सीओ सिटी आईपीएस प्रशिक्षु विशाल जांगिड़, एएसपी भंवरलाल, रामेश्वरलाल, स्पेशल टीम प्रभारी रामविलास बिश्नोई, जोधपुर, हनुमानगढ़ और बीकानेर के कई अधिकारी भी रायसिंहनगर थाने पहुंचे।
पिछले महीने 20 नवंबर 2025 को लुधियाना में हुए एनकाउंटर के दौरान श्रीगंगानगर के ताखरांवाली ढाणी निवासी रामलाल और अबोहर निवासी दीपू को पकड़ा गया था। पंजाब पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी पाकिस्तान स्थित हैंडलर जसवीर उर्फ चौधरी के निर्देश पर काम कर रहे थे।
इन पर पंजाब में ग्रेनेड हमले कर दहशत फैलाने की जिम्मेदारी थी। यह मॉड्यूल सीधे तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा पाया गया। एक आरोपी का कनेक्शन सलमान खान के घर फायरिंग प्रकरण से जुड़े लोगों से भी सामने आया था।
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में लॉरेंस गैंग तथा इससे अलग हुई रोहित गोदारा और हैरी बॉक्सर की गैंग पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनी हुई हैं। करीब सात साल पहले जॉर्डन हत्याकांड के बाद से गैंग की सक्रियता बढ़ी। व्यापारियों, कॉलोनाइजरों, डॉक्टरों, अधिवक्ताओं और अन्य लोगों को धमकाकर रंगदारी वसूली जाने लगी, जिससे भय का माहौल बना।
अब तक की जांच के दौरान यह मामला रंगदारी का सामने आया है। कुछ कड़ियां बीच में रही है, जिसकी पूछताछ की जा रही है। देर रात तक रायसिंहनगर थाने में संगठित अपराध कानून के तहत यह एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस प्रकरण का खुलासा बुधवार दोपहर बाद किया जा सकेगा।
-डा. अमृता दुहन, पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर