Low grade Mid Day Meal: ग्राम पंचायत गोन्दा के विद्यालय में मध्यान्ह भोजन खाकर घर लौटने पर बच्चों को हो रही पेट दर्द, उल्टी-दस्त व कमजोरी की समस्या
प्रतापपुर. सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड का शिक्षा विभाग इन दिनों अपनी कार्यशैली को लेकर कटघरे में खड़ा है। स्कूलों की निगरानी और गुणवत्ता सुधार की जिम्मेदारी उठाने वाले अधिकारी खुद लापरवाही की मिसाल बन चुके हैं। इसका सबसे ताजा और भयावह उदाहरण ग्राम पंचायत गोन्दा के माध्यमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में देखने को मिला, जहां मध्यान्ह भोजन (Low grade Mid Day Meal) योजना बच्चों के लिए पोषण नहीं बल्कि बीमारी का कारण बन गई है। चावल में कीड़े और कंकड़, सोयाबड़ी में सड़ा पदार्थ, सब्ज़ी में बदबूदार आलू और खाना पकाने के लिए ऐसा तेल उपयोग में लाया जा रहा था, जिसकी गुणवत्ता अत्यंत घटिया है।
सोमवार को ग्रामीण और छात्रों के परिजन स्कूल पहुंचे, जहां भोजन की वास्तविक स्थिति देखकर आक्रोशित हो उठे। परिजन का कहना है कि उनके बच्चे सुबह स्वस्थ अवस्था में स्कूल जाते हैं, लेकिन मध्यान्ह भोजन (Low grade Mid Day Meal) ग्रहण करने के बाद पेट दर्द, उल्टी-दस्त और कमजोरी की शिकायत के साथ घर लौटते हैं।
लगातार कई दिनों से यह स्थिति बनी रहने पर ग्रामीणों ने स्वयं भोजन सामग्री की जांच की, जिसके दौरान जो तथ्य सामने आए वे शिक्षा विभाग की पोल खोलने के लिए पर्याप्त थे।
चावल में कीड़े और कंकड़, सोयाबड़ी में सड़ा पदार्थ, (Low grade Mid Day Meal) सब्ज़ी में बदबूदार आलू और खाना पकाने के लिए ऐसा तेल उपयोग में लाया जा रहा था जिसकी गुणवत्ता अत्यंत संदिग्ध थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह तेल न सरसों का था न रिफाइंड, बल्कि निम्न स्तर का पाम ऑयल था, जिसमें कीड़े तैरते हुए मिले।
इस पूरे प्रकरण ने प्रतापपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मन्नूलाल धुर्वे की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। धुर्वे पिछले 6 वर्षों से इसी पद पर जमे हुए हैं और ब्लॉक के अधिकांश स्कूलों की स्थिति बदहाल (Low grade Mid Day Meal) होने के बावजूद अब तक किसी सख्त कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है।
कलेक्टर द्वारा निलंबन अनुशंसा तक किए जाने के बाद भी शासन-प्रशासन की मेहरबानी के कारण वे अब भी पद पर बने हुए हैं। स्थिति यह है कि ब्लॉक के विद्यालयों में वर्षों से मॉनिटरिंग नाम की कोई व्यवस्था दिखाई ही नहीं देती।
मध्यान्ह भोजन (Low grade Mid Day Meal) का संचालन शिव शक्ति स्व सहायता समूह को सौंपा गया है, जिसके संचालन में भी गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगा है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि समूह का संचालन ढाबा संचालक रिंकू सिंह के परिवार द्वारा किया जा रहा है और इसी कारण भोजन की गुणवत्ता पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन शायद ही कभी दिया जाता हो और हरी सब्ज़ी महीने में एक बार से अधिक नहीं बनती।
मामले (Low grade Mid Day Meal) की गंभीरता को देखते हुए डीईओ अजय कुमार मिश्रा ने जांच के निर्देश जारी किए हैं और बीईओ को तत्काल मौके पर भेजने की बात कही है। लेकिन ग्रामीणों को विभाग की इस कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि जब जिम्मेदार अधिकारी ही वर्षों से मनमानी पर उतारू हैं, तब दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद कैसे की जा सकती है।