टोंक शहर में जब एक साथ तीन भाइयों और भतीजे का जनाजा निकला तो पूरा मोहल्ला पीछे चल पड़ा। सभी के मुंह पर सिर्फ एक ही सवाल था कि आखिर ये सब अचानक कैसे हो गया?
टोंक। शहर में शुक्रवार को एक ही परिवार के तीन सगे भाइयों और उनके जवान भतीजे का जब एक साथ जनाजा उठा, तो पूरे मोहल्ले में सन्नाटा और सिसकियां गूंज उठीं। जिन घरों से कुछ घंटे पहले हंसी-ठिठोली और शादी की तैयारियों की बातें हो रही थीं, वहां अब सिर्फ रोने-बिलखने की आवाजें थीं।
राज टॉकीज रोड स्थित विवेकानंद स्कूल के पीछे रहने वाला यह परिवार गुरुवार शाम कोटा में रिश्तेदारी में जन्मदिन की खुशियां मनाने निकला था। किसी को अंदेशा नहीं था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा। बूंदी के पास जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे पर सिलोर पुलिया के पास बजरी से भरा एक डंपर अचानक उनकी क्रेटा कार पर पलट गया। इस दर्दनाक हादसे में तीनों भाई और भतीजा कार के भीतर ही दम तोड़ दिए, जबकि परिवार के एक सदस्य की किसी तरह जान बची।
शुक्रवार सुबह जब चारों का जनाजा मोतीबाग कब्रिस्तान की ओर बढ़ा, तो सैकड़ों लोग साथ चल पड़े। जामा मस्जिद में नमाज-ए-जनाजा अदा की गई। मिट्टी देने के वक्त हर हाथ कांप रहा था और हर जुबान पर बस एक ही सवाल था- यह सब यूं अचानक कैसे हो गया?
मृतकों में फरीउद्दीन, अजीरुद्दीन और मोइनुद्दीन- तीनों अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में जुटे मेहनती इंसान थे। कोई प्रॉपर्टी के काम से परिवार संभाल रहा था, कोई शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य गढ़ रहा था, तो कोई कालीन बुनाई कर रोजी-रोटी चला रहा था। भतीजा सैफुद्दीन घर पर रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता था। उसे रिश्तेदारी में जाने की आदत नहीं थी, लेकिन उस दिन चाचा लोगों की जिद के आगे मान गया। किसे पता था कि यही जिद उसकी जिंदगी की आखिरी यात्रा बन जाएगी।
परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 3 जनवरी को बेटी की शादी होनी थी, उस घर में अब मातम पसरा है। मोहल्ले के लोग, रिश्तेदार और परिचित ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस नुकसान की भरपाई शायद कभी नहीं हो पाएगी। हादसे की वजह डंपर का टायर फटना बताया जा रहा है। एक पल की अनहोनी ने चार जिंदगियां छीन लीं और एक पूरे परिवार को जिंदगी भर का दर्द दे दिया।