टोंक

उत्तराखंड बन रहा बीसलपुर, बांध के निकट बार-बार भूस्खलन; सड़क मार्ग हो रहा बाधित

बीसलपुर बांध स्थल पर तेज बारिश के चलते बार-बार हो रहे भूस्खलन को लेकर आवागमन बंद हो रहा है।

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Sep 08, 2025
बीसलपुर बांध के निकट भूस्खलन से गिरी चट्टानें व अवरूद्ध मार्ग। फोटो: पत्रिका

टोंक। उत्तराखंड की तरह बीसलपुर बांध स्थल पर देवली व टोडारायसिंह उपखंड को आपस में जोड़ने वाले वीआइपी सड़क मार्ग पर तेज बारिश के चलते बार-बार हो रहे भूस्खलन को लेकर आवागमन बंद हो रहा है। एक तरफ 45 दिनों से बांध से बनास नदी में पानी निकासी के कारण बनास मार्ग बंद है। वहीं दूसरी ओर बांध के जलभराव किनारे वीआइपी सड़क पर गिरती चट्टानों से बंद होते मार्ग को लेकर देवली-टोडारायसिंह मार्ग बाधित हो रहा है। जुलाई से अब तक उक्त मार्ग पर तीन बार पहाड़ी मलबा व चट्टानें गिर चुकी है।

मगर प्रशासन के आला अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बांध के गेट संख्या दो से तीन के बीच बने वीआइपी सड़क मार्ग पर इस वर्ष मानसून सत्र के दौरान तीन मर्तबा पहाड़ी चट्टानें व मलबा गिरने से आवागमन बाधित हो चुका है।

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जुलाई में गिरी चट्टान को बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से हटवाकर जलभराव किनारे मिट्टी से भरे कट्टे लगाकर रास्ता चालू कर दिया गया था। उसी जगह पर फिर से शुक्रवार को पहाड़ी का काफी बढ़ा हिस्सा सड़क पर गिर पड़ा, जिसे परियोजना ने जेसीबी से एक तरफ करवाकर दिन में मार्ग चालू कर दिया था। मगर शनिवार देर रात फिर से पहाड़ी का काफी बढ़ा हिस्सा दरककर सड़क पर गिर पड़ा। गनीमत रही कि घटना के दौरान आवागमन नहीं होने से बड़ा हादसा होने से टल गया।

परियोजना बेबस, वन विभाग मस्त

बीसलपुर बांध के निकट एक तरफ बांध का जलभराव है तो दूसरी ओर वन क्षेत्र है। ऐसे में वन क्षेत्र में बांध परियोजना कोई विकास कार्य नहीं करवा सकता है। हालांकि सड़क मार्ग अवरूद्ध होने पर बांध परियोजना बार-बार मलबा हटवा देता है। मगर वन क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर परियोजना बेबस नजर आता है। दूसरी तरफ वन विभाग भूस्खलन व अन्य पहाड़ी क्षेत्र में कोई विकास नहीं करवाता है। पर्यटकों के साथ ही राहगीरों को परेशान होना पड़ता है।

मंत्री के आदेश बेअसर

गत 18 जुलाई को वन मंत्री संजय शर्मा ने बीसलपुर बांध का दौरा किया था। तब जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी व परियोजना अभियंताओं की ओर से वन मंत्री को भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण करवाया था। वन मंत्री की ओर से मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देकर जल्द ही उक्त भूस्खलन वाली जगह पर विकास कार्य कराए जाने के आदेश दिए थे। मगर उसके डेढ़ माह बाद भी वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते इन दिनों फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इनका कहना है

भूस्खलन वाला क्षेत्र वन विभाग की भूमि क्षेत्र है। वहां विकास कार्य भी वन विभाग ही करवा सकता है। परियोजना के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
-मनीष बंसल, अधिशासी अभियंता बीसलपुर बांध परियोजना देवली।

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