टोंक

Rajasthan Monsoon: राजस्थान में यहां फिर लबालब होंगे बांध-तालाब, किसानों को नहरों से मिलेगा पानी

Heavy Rain: इस साल अच्छी खबर यह है कि टोंक जिले के अधिकतर बांध व तालाबों में पानी है। ऐसे में इनके लबालब होने की संभावना है।

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Jun 22, 2025
दूनी स्थित तालाब में भरा पानी। फोटो: प​त्रिका

Heavy Rain In Tonk: टोंक। मानसून ने दस्तक दे दी है। तीन दिन बरसात का दौर जारी रहा। शनिवार को भी जिले में कई जगह तेज बरसात हुई। वहीं इस साल अच्छी खबर यह है कि जिले के अधिकतर बांध व तालाबों में पानी है। ऐसे में इनके लबालब होने की संभावना है। कई बांधों में तो पानी 40 से 45 प्रतिशत पानी है। जबकि गत सालों में यह बांध तालाब सूख जाते थे। ऐसे में पूर्ण भराव में दिक्कत होती थी। लेकिन इस बार उनमें पानी होने से पूर्ण भराव होने की संभावनाएं ज्यादा है। प्रदेश के बड़े बांधों में शामिल बीसलपुर बांध के हालात भी ऐसे ही हैं। बीसलपुर बांध का गेज शनिवार को 312.47 आरएल मीटर रहा। जबकि पूर्ण भराव में 315.50 आरएलएल मीटर की आवश्यकता है। जो पूर्ण भराव के नजदीक है। ऐसे में किसानों को नहरों से पानी मिल जाएगा।

इनमें मौजूद है पानी

सिंचाई विभाग के पास गलवा और टोरडी सागर वृहद बांध है। गलवा में 37.16 तथा टोरडी सागर में 34.94 प्रतिशत पानी है। वहीं मध्यम मांशी में 36.60, चांदसेन में 35.31, किरावल सागर में 29.64, सहोदरा में 6, लघ बांध बिडोली में 54.01, राम सागर लाबा हरिसिंह में 9.44, माथोलाव में 40.59 फीसदी पानी भरा हुआ है।

बांधों में पानी की आवक जारी

लांबाहरिसिंह रामसागर बांध पर बीते 24 घंटे में शनिवार शाम 5 बजे तक 2 इंच बरसात और राम सागर बांध में 5 फीट पानी का गेज दर्ज किया गया। बांध पर कार्यरत कर्मचारी श्रवण लाल नामा ने बताया कि बीते 24 घंटे में शाम तक 49 एम एम बरसात दर्ज की गई। वहीं रामसागर बांध में पानी की आवक शुरू होकर 5 फीट गेज दर्ज किया गया। बांध में पानी की आवक जारी है। शनिवार को रुक-रुक कर हुई झमाझम बरसात से रास्तों में जमकर पानी बह निकला। खेतों के रास्तों में पानी निकासी व्यवस्था सुचारू नहीं होने से किसान परेशान रहे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है।

निवाई में शनिवार को भी आकाश में बादल छाए रहे लेकिन बरसे नहीं। शाम पांच बजे हल्की फुहारों के साथ बारिश हुई। शुक्रवार को करीब 12 घंटे में 125 एम एम बारिश से उपखंड अधिकारी कार्यालय परिसर में पानी भर गया। शुक्रवार को उपखंड क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश से खेत पानी से लबालब हो गए। गांव हनुतिया में भारी बारिश से खेत तालाब बन गए।

यह हो गए खाली

सिंचाई विभाग के पास जिले में कुल 30 बांध है। इनमें से 18 बांध खाली है। इन बांधों में गलवानिया, श्योदानपुरा, दौलत सागर, पनवाड ठिकरिया, थांवला, घारेडा, सूथड़ा, ढीबरू, मोहमदगढ़, भानपुरा, भावलपुर, मानसागर, नासिरदा, दूदी सागर, दूनी सागर, संग्राम सागर, बोटूंदा शामिल है। इन बांधों में गलवानिया मध्यम बांध है। जबकि बाकी सभी बांध लघु है।

बीसलपुर बांध में मानसून की मेहरबानी

राजधानी के साथ ही अजमेर व टोंक जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में मानसून की मेहरबानी के चलते बीते पांच दिनों से कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर जारी रहने के चलते बांध के जलभराव गेज में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी दर्ज होना शुरू हो चुका है। बांध के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार बांध में जलापूर्ति व वाष्पीकरण के बाद बीते 24 घंटे के दौरान कुल दो सेमी पानी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध का गेज बीते चार दिनों से शुक्रवार शाम तक बिना किसी घटत बढ़त के 312.45 आर एल मीटर पर स्थिर बना हुआ था।

जिससे बांध में मानसून के चलते जितनी पानी की आवक दर्ज की जा रही थी उतना ही पानी रोजाना जयपुर, अजमेर व टोंक जिले के साथ ही इनसे जुड़े सैकड़ों गांव व कस्बों में जलापूर्ति के कारण बांध का गेज यथास्थिति में बना हुआ था। वहीं शुक्रवार को निकटवर्ती क्षेत्र में दिनभर चली बारिश से शनिवार सुबह तक बांध का गेज महज दो सेमी की बढ़ोतरी के साथ 312.47 आर एल मीटर पर पहुंच गया है। जिसमें 19.909 टीएमसी का जलभराव हो चुका है।

कैचमेंट एरिया अभी सूखा

बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में पड़ने वाले राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व अजमेर जिले में अभी भी तेज बारिश का अभाव बना हुआ है। जिससे बांध में पानी की आवक भी अभी तक नगण्य है। इसी प्रकार बांध के जलभराव में सहायक मुय बनास, खारी व डाई नदियों का काफी हिस्सा सूखा पड़ा हुआ है। ऐसे में मामूली बारिश का पानी अभी इन नदियों के कंठतर करने तक सीमित बना हुआ है।

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