राजस्थान के टोंक शहर से दहेज-प्रथा के खिलाफ एक प्रेरणादायक मिसाल सामने आई है। सरकारी बैंक में मैनेजर के लग्न टीका समारोह में उनके पिता ने केवल एक रुपया स्वीकार कर समाज को सशक्त संदेश दिया।
राजस्थान के टोंक शहर में दहेज-मुक्त विवाह का सराहनीय उदाहरण सामने आया है। बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर रवि गैणा के लग्न टीका समारोह में दूल्हे रवि के पिता सूबेदार हरिराम गैणा, निवासी गाणोंली (हाल कंपू टोंक), ने सामाजिक सुधार की पहल करते हुए टीके में केवल एक रुपया स्वीकार किया।
परिवार ने मायरा भात में भी मात्र 101 रुपए स्वीकार कर सादगीपूर्ण और दहेज-विरोधी संदेश दिया। सूबेदार हरिराम गैणा ने घोषणा की कि विवाह के दिन राम-राम में भी केवल एक रुपए ही स्वीकार किए जाएंगे। इस प्रेरक कदम की पूरे समाज में खूब सराहना हो रही है।
सरकारी नौकरी की शादी में जहां लाखों रुपए दहेज में दिए जाते हैं। वहीं इस शादी ने हर किसी का दिल जीत लिया है। व्हाट्सऐप, फेसबुक सहित सोशल मीडिया पर लोग परिवार की प्रशंसा करते हुए इसे समाज परिवर्तन की दिशा में अनुकरणीय पहल बता रहे हैं। दहेज-मुक्त विवाह को बढ़ावा देने के लिए दूल्हे पक्ष की यह पहल युवाओं और अभिभावकों के लिए प्रेरणादायक मानी जा रही है।