उदयपुर

महाराणा प्रताप पर बयान के बाद गुलाबचंद कटारिया ने मांगी माफी, बोले- किसी को बुरा लगा तो क्षमा चाहता हूं

महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए बयान पर उठे विवाद के आठ दिन बाद पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने सफाई देते हुए माफी मांगी है।

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Dec 29, 2025
फाइल फोटो- पत्रिका

उदयपुर। महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए एक बयान पर उपजे विवाद के करीब आठ दिन बाद पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि उनके भाषण के एक अंश 'महाराणा प्रताप को हमने जिंदा किया' से यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे इसके लिए क्षमा मांगते हैं। उनका कहना है कि ऐसा कहना उनका उद्देश्य नहीं था और उनके शब्दों के भाव को गलत संदर्भ में लिया गया।

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वीडियो संदेश जारी किया

कटारिया ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि उनके भाषण को शुरुआत से अंत तक सुना जाए, ताकि उनके विचारों का सही आशय समझा जा सके। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के प्रति उनके मन में गहरी श्रद्धा और सम्मान है।

उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत को याद करते हुए बताया कि 33 वर्ष की उम्र में विधायक बनने के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत से आग्रह कर मेवाड़ कॉम्प्लेक्स योजना को स्वीकृति दिलवाई थी। इसी योजना के तहत कुंभलगढ़, गोगुंदा, चावंड और हल्दीघाटी जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास की प्रक्रिया शुरू हुई।

कटारिया ने स्पष्ट किया कि उनका बयान कांग्रेस शासनकाल के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि 1947 से 1977 तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन उस दौर में महाराणा प्रताप के जीवन, शौर्य और गाथाओं को व्यापक रूप से सामने लाने के लिए ठोस प्रयास नहीं हुए। उन्होंने कहा कि पहली बार उनकी सरकार ने इस दिशा में पहल की और आज भी सरकार ने महाराणा प्रताप से जुड़े स्थलों के विकास के लिए 175 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।

जनता से मांगे सुझाव

उन्होंने आगे कहा कि उनका आशय यह था कि महाराणा प्रताप की वीरता और संघर्ष की कहानियों को घर-घर तक पहुंचाने का काम पहले भी किया जा सकता था। यदि उनके शब्दों से यह प्रतीत हुआ कि उन्होंने महाराणा प्रताप को ‘जिंदा करने’ की बात कही, तो उसके लिए वे खेद प्रकट करते हैं। कटारिया ने दोहराया कि महाराणा प्रताप के प्रति उनका पूरा सम्मान है और उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि उनके पूरे भाषण को संदर्भ सहित सुनें और यदि कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।

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