उदयपुर

मॉटिवेशनल स्टोरी: पति की मौत के बाद फिर उठाईं किताबें, आखिर मिली सफलता 

Success story : शादी के 8 साल बाद पति की सड़क दुर्घटना में मौत होने के बाद दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई।

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Sep 03, 2024

उदयपुर।मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई काम मुश्किल नहीं है। ऐसा ही कर दिखाया है सलूम्बर जिले की झल्लारा तहसील के शेषपुर निवासी हेमलता शर्मा ने। शादी के 8 साल बाद पति की सड़क दुर्घटना में मौत होने के बाद दो बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई।

वहीं, सास-ससुर की भी देखरेख करते हुए घर की जिम्मेदारी निभाई। अपनी अधूरी छोड़ी पढ़ाई को फिर शुरू किया और आखिरकार मेहनत और लगन के चलते वनरक्षक में चयन हुआ। हेमलता ने बताया कि 2012 में शादी के 8 साल बाद पति की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।

अपने छह वर्षीय व नौ वर्षीय बेटों पर से पिता का साया उठ गया। हेमलता ने हार नहीं मानते हुए कड़ी मेहनत की तथा स्वास्थ्य कर्मी के पद पर भी काम किया। उसने अपने दोनों बेटों को पढ़ाई कराने के साथ-साथ स्वयं ने भी प्रतिदिन 5 से 6 घंटे कड़ी मेहनत की। इस बीच एक निजी स्कूल में भी अध्यापन का कार्य करवाया। बच्चों की परवरिश में परिजनों ने भी हेमलता का हौसला बढ़ाया व मार्गदर्शन दिया।

परसाद रेंज में मिली नियुक्ति

हेमलता ने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। फिर ओपन से 2021 में 12वीं की पढ़ाई कर परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद बीएसटीसी करते हुए वनरक्षक की भी तैयारी की और वनरक्षक के पद पर नौकरी पाई। उसे 19 जून 2024 को हाल ही में परसाद रेंज में नियुक्ति मिली। शाम को अपनी ड्यूटी पूर्ण कर जब थक हार कर वह घर आती हैं, तब खाना बनाना सहित तो अन्य कार्य को कर दोनों बच्चों को पढ़ाती है।

आसान नहीं थी राह

वनरक्षक परीक्षा में चयन होने के बाद हेमलता को दौड़ सहित अन्य फिजिकल की तैयारी भी करनी थी। जो गांव में रहकर करना इतना आसान नहीं था। लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी। गांव में किसी प्रकार की ना कुछ दौड़ने का ऐसा कोई खेल मैदान, ना पार्क था और ना ही किसी प्रकार कोई उपकरण। फिर भी वह सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाती थी और स्वयं को फिट रखने की कोशिश में लगी रही।

Published on:
03 Sept 2024 12:37 pm
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