MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिला शिक्षा कार्यालय के साथ मिलकर पत्रिका की अनूठी पहल, बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण बच्चे हो रहे कंडक्ट डिसऑर्डर के शिकार, अब स्कूलों में शुरू होगी मोबाइल एडिक्शन, स्क्रीन टाइम के खिलाफ जंग...
MP News: स्क्रीन टाइम बढ़ने से 9 से 18 वर्ष उम्र के बच्चों, किशोरों में चिड़चिड़ापन, अनुशासनहीनता बढ़ी है। पारिवारिक संवाद नहीं हो रहा। इससे बच्चे-किशोर कंडक्ट डिसऑर्डर (Conduct Disorder) का शिकार हो रहे हैं। झूठ बोलना, झगड़ालू होने के साथ ही चोरी जैसा अपराध करने लगे हैं। चरक अस्पताल में ही हर माह 40-50 बच्चे पहुंच रहे हैं। ऐसे में जिला शिक्षा कार्यालय (district education department) ने पत्रिका की पहल पर नया कदम उठाया है। स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि वे हर हफ्ते एक घंटे की फैमिली क्लास लें। बच्चों को मोबाइल-मुक्त माहौल में रिश्तों का महत्त्व बताया जाए। विशेषज्ञ बताएंगे कि असली खुशी स्क्रीन में नहीं, रिश्तों में है।
पत्रिका (उज्जैन) के साथ विभाग मिलकर स्कूलों से अपील करेगा कि वे फैमिली क्लास शुरू करें। घर पर माता-पिता को भी स्क्रीन टाइम पर कंट्रोल लाना होगा।
आनंद शर्मा, डीईओ उज्जैन
पिछले सत्र में हमने पेरेंट्स के लिए क्लास लगाई थीं। उन्हें जागरूक किया था। इस सत्र से स्कूल में नियमित क्लास शुरू कर रहे हैं।
थॉमस मैथ्यू, प्रबंधक निर्मला कॉन्वेंट स्कूल
अगर माता-पिता ने समय रहते स्क्रीन टाइम सीमित नहीं किया तो समाज को हिंसक व असंवेदनशील पीढ़ी झेलना पड़ेगी।
डॉ. नीतराज गौड़, मनोचिकित्सक
पहले रात का खाना परिवार साथ खाता था। अब हर सदस्य स्क्रीन में उलझा है। इससे बच्चे वास्तविक संवाद से दूर हो रहे हैं।
शोभित चतुर्वेदी, साइबर विशेषज्ञ
स्कूलों में फैमिली टाइम मॉडल लागू होना चाहिए। हम भी स्कूलों से अपील करेंगे। साइबर विशेषज्ञों की क्लास लगवाएंगे। -प्रदीप शर्मा, एसपी