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राजस्थान, यूपी नहीं भेजे जाएंगे चीते, एमपी सरकार का बड़ा फैसला

MP News: मध्य प्रदेश से देश के दो बड़े राज्यों राजस्थान और यूपी तक बढ़ानी थी चीतों की सुरक्षित और आसान आवाजाही, एक्सपर्ट्स ने की राउंड टेबल चर्चा, मध्यप्रदेश सरकार ने फिलहाल रोक दी बड़ी योजना...

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MP News Project Cheetah

MP News Project Cheetah (photo:social media)

MP News: मध्यप्रदेश अब कूनो नेशनल पार्क (Kuno national park) के चीतों को राजस्थान व उत्तरप्रदेश के जंगलों की सैर करने वाला माहौल तैयार नहीं करेगा। प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। चीतों की आसान आवाजाही को सुरक्षित व स्थाई बनाने से जुड़े कामों के लिए समझौता ज्ञापन होना था। विशेषकर राजस्थान के साथ। इसके लिए विशेषज्ञों ने राउंड टेबल चर्चा की थी। अब एमपी ने तय किया है कि जब तक एक लक्ष्य के तहत प्रदेश में चीतों की संख्या नहीं बढ़ जाती, तब तक इनकी आवाजाही को दूसरे राज्य के साथ साझा नहीं किया जाएगा। हालांकि चीते स्वेच्छा से आवाजाही करते हैं तो बाड़ाबंदी कर रोका भी नहीं जाएगा, बल्कि निगरानी बढ़ाई जाएगी।

जानें क्या था प्रस्ताव

दरअसल प्रोजेक्ट चीता (Project Cheetah) के तहत चीतों को विभिन्न स्थानों पर स्थापित करने की योजना है। इस योजना के तहत चीतों के लिए एक बड़ा कॉरिडोर बनाया जाना शामिल है। नवंबर 2024 में मध्य प्रदेश समेत राजस्थान के कुछ हिस्से को मर्ज कर 17000 वर्ग किमी का एक कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया था। इसका उद्देश्य चीतों को अपना क्षेत्र स्थापित करने और आवागमन को सुरक्षित बनाने में उनकी मदद करना था। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं होगा।

सामने आई ये वजहें

1-एक से दूसरे राज्य के बीच चीतों की आवाजाही होने का फायदा शिकारी उठा सकते हैं। हालांकि चीतों की ट्रेकिंग के लिए निगरानी तंत्र विकसित करने की योजना है।

2-वन क्षेत्रों में बाघ, तेंदुए बढ़ रहे हैं। इससे आपसी संघर्ष जैसी स्थिति सामने आ रही है। दूसरे राज्यों के बीच चीतों का मूवमेंट बढ़ने से संघर्ष में किसी को भी नुकसान हो सकता है।

3-नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भविष्य में और चीते लाने की योजना है, लेकिन इस बीच कुछ चीतों की मौतें भी हुई हैं। सवाल छवि का है, इसलिए भारत व विशेषज्ञ फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं।

दूसरे राज्यों से समझौता फिलहाल रोका

चीतों के लिए अच्छा माहौल तैयार करने दूसरे राज्यों के साथ समझौता फिलहाल रोक दिया है। इसकी कई वजह हैं।

-अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव वन, मध्यप्रदेश