Lucknow Women Wrestling: लखनऊ के अहिमामऊ में नागपंचमी के दूसरे दिन महिलाओं के दंगल का ऐतिहासिक आयोजन हुआ। साड़ी पहने महिलाओं ने कुश्ती के अखाड़े में उतरकर अपनी ताकत और हुनर का प्रदर्शन किया। 200 साल पुरानी इस परंपरा का निर्वहन आज हिंदू महिलाएं करती हैं, जिसकी शुरुआत मुस्लिमों ने की थी।
Lucknow Women Wrestling: लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित गोसाईगंज के अहिमामऊ में हर साल नागपंचमी के दूसरे दिन महिलाओं के बीच होने वाली कुश्ती का आयोजन किया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत लगभग 200 साल पहले नवाब की बेगम नूरजहां और कमर जहां ने की थी। इस दंगल में महिलाएं साड़ियां पहनकर अखाड़े में उतरती हैं और कुश्ती के दांव-पेच आजमाती हैं। ढोलक की थाप पर देवी गीतों के साथ अखाड़े की शुरुआत होती है, और फिर पहलवान महिलाएं अपने-अपने विरोधियों को पटखनी देने का प्रयास करती हैं।
इस साल भी रामकली, सियारानी, कमला, गीता, उर्मिला, विनय कुमारी, रामरति, और मालती जैसी महिलाओं ने अखाड़े में जमकर दंगल किया। इन महिलाओं ने अपनी ताकत और कुशलता का प्रदर्शन करते हुए कुश्ती के इस खेल में हिस्सा लिया। जीता हुआ महिला पहलवानों को साड़ी और नकदी पुरस्कार के रूप में दी जाती है।