वाराणसी

महिला इंस्पेक्टर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ी, साथी सिपाही के साथ मिलकर चलाया था भ्रष्टाचार का धंधा; एंटी करप्शन ने किया अरेस्ट

Varanasi Crime News: वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने महिला इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

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Oct 17, 2025
महिला इंस्पेक्टर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ी | Image Source - 'X'

Female inspector bribery busted arrested in Varanasi: वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महिला इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। घटना उस समय सामने आई जब टीम ने महिला इंस्पेक्टर को ऑफिस से खींचकर गाड़ी में बैठाया और कैंट थाने ले गई। इस दौरान सुमित्रा देवी ने टीम पर रौब दिखाने की कोशिश की और मामले को सुलझाने का दबाव बनाया, लेकिन एंटी करप्शन टीम ने उनकी कोई नहीं सुनी।

कॉन्स्टेबल भी फंसा जाल में

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बताया जा रहा है कि सुमित्रा देवी ने रिश्वत लेने के लिए कॉन्स्टेबल का सहारा लिया था। इसी कारण कॉन्स्टेबल अर्चना राय को भी गिरफ्तार कर लिया गया। एंटी करप्शन टीम दोनों से पूछताछ कर रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

पीड़ित ने बताया पूरा मामला

पीड़ित मेराज ने बताया कि उनके छोटे भाई की पत्नी रुकसार ने 26 अगस्त को उन पर और परिवार के 13 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद 28 सितंबर को महिला इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी उनके घर पहुंची और जेल भेजने की धमकी दी। मेराज ने 10 अक्टूबर को महिला थाने में जाकर विवेचक से अपने निर्दोष होने की बात कही, लेकिन इंस्पेक्टर ने 20 हजार रुपए की मांग की।

एंटी करप्शन टीम ने बनाई योजना

पीड़ित मेराज ने बताया कि उन्होंने 16 अक्टूबर को एंटी करप्शन कार्यालय में पूरी जानकारी दी। इसके बाद 17 अक्टूबर को टीम ने पूरी तैयारी कर जाल बिछाया। जैसे ही महिला आरक्षी अर्चना राय ने मेराज से 10 हजार रुपए लिए, एंटी करप्शन टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से रिश्वत के नोट भी बरामद किए गए।

सुमित्रा देवी का करियर और ट्रांसफर

सुमित्रा देवी 2010 में दरोगा बनीं और 2010 से 2021 तक लखनऊ के विभिन्न थानों और चौकियों में कार्यरत रही। 2 सितंबर 2021 को उन्हें लखनऊ से वाराणसी ट्रांसफर किया गया। इसके बाद वह वाराणसी महिला थाने की प्रभारी इंस्पेक्टर बनीं। 28 सितंबर 2023 को उन्हें पुलिस आयुक्त ने राजातालाब थाने का प्रभारी बनाया, बाद में फिर महिला थाने में वापस लगाया गया।

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