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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे का क्या होगा फायदा ? एक्सपर्ट की राय

Afghanistan-India relations: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने का एक बड़ा अवसर है।

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Oct 03, 2025
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी। फोटो: आईएएनएस

Afghanistan-India relations: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) जल्द ही भारत का दौरा करेंगे। यह पहला मौका है जब तालिबान के किसी शीर्ष नेता ने भारत का औपचारिक दौरा किया है। विदेश नीति विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव के अनुसार, यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देने का मौका हो सकती है। रोविंदर सचदेव बताते हैं कि भारत और अफगानिस्तान के बीच हमेशा से अच्छे और गहरे संबंध (Afghanistan-India relations) रहे हैं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों का रिश्ता (Taliban-India visit) थोड़ा ठंडा था, लेकिन अब समय आ गया है कि इस रिश्ते को फिर से मजबूत किया जाए। यह दौरा दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत (India-Afghanistan diplomacy)हो सकती है।

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पाकिस्तान की भूमिका और भारत की रणनीति

सचदेव ने कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के लिए भी एक अहम पड़ोसी है। इसलिए भारत को चाहिए कि वह अफगानिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करके पाकिस्तान को पीछे रखें। भारत और अफगानिस्तान के बीच शांति, कूटनीति और मानवता के मुद्दों पर मिलकर काम करने का यह सही मौका है।

तालिबान की वैधता और भारत का महत्व

संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद, तालिबान नेता की भारत यात्रा इस बात को दर्शाती है कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी वैधता स्थापित करना चाहता है। सचदेव ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण ग्लोबल खिलाड़ी है और तालिबान के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना फायदेमंद होगा।

भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक बदलाव

रोविंदर सचदेव ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट का फिर से शुरू होना अच्छी खबर है। करीब 5 साल बाद यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। भले ही सीमा विवाद बना हुआ है, दोनों देशों को उम्मीद करनी चाहिए कि भविष्य में समाधान निकलेगा।

रूस का समर्थन और भारत की मजबूती

सचदेव ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बयान की भी तारीफ की, जिसमें उन्होंने भारत के समर्थन का इजहार किया। हालांकि सचदेव का कहना है कि भारत अपनी ताकत खुद साबित करता है और किसी की मदद पर निर्भर नहीं। फिर भी, रूस जैसे दोस्त का समर्थन भारत के लिए गर्व की बात है।

भारत के लिए एक डिप्लोमैटिक अवसर

बहरहाल अफगान विदेश मंत्री का यह दौरा भारत के लिए एक डिप्लोमैटिक अवसर है। यदि तालिबान देश की समस्याओं को सही तरीके से सुलझाए तो भारत भी अफगानिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ता कायम रख सकता है। यह दौर भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। (आईएएनएस)

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