
Internet shutdown in Afghanistan (Representational Photo)
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) जब से शासन में आया है, तब से देश में कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी हैं। देश की जनता को इस वजह से काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन तालिबान सरकार की सख्ती कम ही नहीं हो रही है। अब तालिबान ने अफगानिस्तान के लिए एक और तुगलकी फरमान जारी किया है। तालिबानी सरकार के इस फैसले से एक बार फिर अफगान नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है।
तालिबान ने पूरे देश में इंटरनेट और संचार सेवाओं को बंद कर दिया है। यह ब्लैकआउट 29 सितंबर को शुरू हुआ, जब फाइबर ऑप्टिक केबलों को काटने के बाद मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गए। इंटरनेट निगरानी संगठन नेटब्लॉक्स के अनुसार अफगानिस्तान में अब कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के 1% से भी कम रह गई है, जिसे "पूर्ण ब्लैकआउट" करार दिया गया है।
अफगानिस्तान में इंटरनेट को बंद करना तालिबान की देश में 'नैतिकता' को मज़बूत करने की मुहिम का हिस्सा बताया जा रहा है। तालिबान का दावा है कि इंटरनेट के माध्यम से 'अनैतिक कंटेंट' फैलाया जाता है, जो इस्लाम में शरिया के खिलाफ है। इसी वजह से तालिबान ने देश में इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है। साथ ही कॉलिंग भी फिलहाल के लिए बंद कर दी गई है। इससे देश के करोड़ों लोगों को काफी परेशानी होगी। साथ ही इससे देश की अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार और महिलाओं समेत सभी नागरिकों की आवाज दबने का खतरा बढ़ गया है।
Published on:
30 Sept 2025 01:58 pm
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