अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि आक्रामकता का कोई भी काम काबुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
Afghanistan-Pakistan Clash: अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी है कि कोई भी आक्रामक कार्रवाई काबुल बर्दाश्त नहीं करेगा। गुरुवार को काबुल में दिए जोशीले भाषण में हक्कानी ने कहा, हमारे पास उन्नत हथियार नहीं, लेकिन दृढ़ संकल्प है। इलाके की रक्षा करना हमारे लिए मुश्किल नहीं।
इस हफ्ते इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच बातचीत का ताजा दौर बेनतीजा रहा। पाकिस्तान ने टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई और अफगानिस्तान में पनाह रोकने की शर्तें रखीं, जिन्हें काबुल ने खारिज कर दिया। हक्कानी ने इसे पाकिस्तान की आंतरिक समस्या बताया और चेताया, कल अगर आप यह समस्या यहां लाएंगे, तो अशांति फैलेगी और दुश्मनी बढ़ेगी। यह गलती आपकी होगी, कीमत भारी चुकानी पड़ेगी।
यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी के 24 घंटे बाद आया। आसिफ ने कहा था कि तालिबान को 'पूरी तरह खत्म करने' के लिए पाकिस्तान को अपने हथियारों के छोटे हिस्से की जरूरत नहीं। उन्होंने तालिबान को 'गुफाओं में वापस भेजने' की धमकी दी। हक्कानी ने जवाब में कहा, समझौते के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हमला करने वाला जान ले कि हम दुनिया के बादशाहों के खिलाफ खड़े हो चुके हैं।
पाकिस्तान टीटीपी लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह देने का आरोप लगाता रहा है। हक्कानी ने कई मीटिंग्स में इसे पाकिस्तान की घरेलू समस्या बताया। उन्होंने जोर दिया कि अफगानिस्तान विदेशी हमलावरों के खिलाफ एकजुट है।
बातचीत टूटने की मुख्य वजह पाकिस्तान का अमेरिका के साथ ड्रोन ऑपरेशन समझौता था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे तोड़ने से इनकार किया, जिससे अफगान पक्ष नाराज हो गया। काबुल ने मांग की कि पाकिस्तान अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन न होने दे। अफगानिस्तान ने चेताया कि पाकिस्तानी हवाई हमलों पर इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ी जवाबी कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों में गहरा अविश्वास है, खासकर सीमा पार आतंकवाद और अमेरिकी ड्रोनों पर। हक्कानी ने साफ किया, अफगानिस्तान को नुकसान पहुंचाना बहुत बड़ी गलती साबित होगा।