डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं। कुछ देश इससे खुश हैं, तो कुछ इसे लेकर उत्साहित नहीं हैं। ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी से कुछ देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। इनमें चीन, कनाडा और मैक्सिको प्रमुख हैं।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमेरिका (United States Of America) के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। सोमवार को अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में स्थित कैपिटल रोटुंडा (Capitol Rotunda) में ट्रंप ने एक बार फिर राष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने जो भाषण दिया, उससे साफ हो गया कि ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में भी आक्रामक रहेंगे। ट्रंप के फिर से सत्ता में लौटने से कुछ ऐसे हैं जो खुश हैं, तो कुछ ऐसे देश भी हैं जो इस बारे में उत्साहित नहीं हैं। चीन (China), कनाडा (Canada) और मैक्सिको (Mexico) ऐसे देश हैं जिनके लिए ट्रंप का अमेरिकी राष्ट्रपति बनना उत्साहित होने का विषय नहीं है। ट्रंप का राष्ट्रपति बनना इन तीनों देशों के लिए बड़ी चुनौती है।
ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद ही यह साफ कर दिया था कि वह कई देशों पर टैरिफ लगाएंगे और अब उन्होंने ऐसे कर भी दिया है। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही घोषणा कर दी कि वह कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाएंगे। टैरिफ की यह दर 1 फरवरी से लागू होगी। कनाडा और मैक्सिको, दोनों ही अमेरिका के पड़ोसी देश हैं और ट्रंप के इस टैरिफ वॉर से दोनों देशों पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद अपने भाषण में साफ कर दिया था कि वह साउथ बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाएंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका और मैक्सिको की बॉर्डर ही साउथ बॉर्डर कहलाती है। मैक्सिको से बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर क्रॉस करके गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करते हैं। मैक्सिको के डुग कार्टेल्स भी नशे के व्यापार के लिए यहीं करते हैं, जिससे अमेरिका में ड्रग्स के आदी लोगों में इजाफा हो रहा है, जो अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में मैक्सिको से गैरक़ानूनी तरीके से बॉर्डर पार करके अमेरिका आने वाले लोगों के लिए ट्रंप साउथ बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाएंगे।
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चीन व्यापार के लिए अपने जहाज़ों को पनामा नहर के ज़रिए भी भेजता है। ट्रंप ने अपने भाषण में इस बात का ज़िक्र करते हुए चीन पर निशाना साधा कि पनामा नहर उन्होंने चीन को ऑपरेट करने के लिए नहीं दी थी और ऐसे में वह इसे वापस लेंगे। ट्रंप पहले भी पनामा नहर को अमेरिका का हिस्सा बनाने की बात कह चुके हैं। शपथ ग्रहण में चीन और पनामा नहर पर बात करते हुए ट्रंप ने इस बात की ओर इशारा कर दिया कि वह पनामा नहर पर चीन के प्रभाव को कम करेंगे।