विदेश

इस देश के राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला, भीड़ ने चलाई गोली, फेंके पत्थर

इक्वाडोर के राष्ट्रपति नोबोआ पर जानलेवा हमला हुआ है। उनकी कार पर गोली चलाई गई है। हमले के कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि जो लोग हमें रोकना चाहते थे। उन्होंने हमला किया, लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं। पढ़िए इक्वाडोर में प्रदर्शन की क्या है वजह...

2 min read
Oct 08, 2025
इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ (फोटो- एक्स अकाउंट- @Libertador_Ec)

इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ (Ecuador President Daniel Noboa) पर जानलेवा हमला हुआ है। 500 से अधिक लोगों की भीड़ ने राष्ट्रपति पर जानलेवा हमले की कोशिश की। भीड़ ने राष्ट्रपति के काफिले पर पत्थर फेंके। इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। अधिकारियों ने कहा कि नोबोआ की कार पर गोली लगी, गनीमत रही कि राष्ट्रपति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

नोबोआ सरकार में मंत्री इनेस मंजानो ने कहा कि हमले के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की कार पर गोली चलाना और पत्थर फेंकना अपराध है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इधर, हमले के बाद राष्ट्रपति कार्यालय ने सभी संदिग्धों पर आतंकवाद और राष्ट्रपति की हत्या के प्रयास के आरोप लगाने और मुकदमा चलाने की घोषणा की है।

ये भी पढ़ें

UK-India Free Trade Agreement: कीर स्टार्मर की भारत यात्रा, ब्रेक्जिट के बाद मुंबई में सबसे बड़ा समझौता

हमले के बाद क्या बोले राष्ट्रपति नोबोआ?

हमले के कुछ देर बाद नोबोआ ने कुएंका शहर में छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जो लोग हमें रोकना चाहते थे। उन्होंने हमला किया, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। नए इक्वाडोर में ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं होंगे। कानून सब पर लागू होगा। इक्वाडोर के रक्षा मंत्री गियान कार्लो लोफ्रेडो ने कहा, 'कुछ भी हमारे राष्ट्रपति को नहीं रोक सकता और ये संकेत है कि देश भी कभी नहीं रुकेगा।'

इक्वाडोर में प्रदर्शन की क्या है वजह?

इक्वाडोर की सड़कों पर पिछले एक महीने से प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ द्वारा डीजल सब्सिडी खत्म करने से नाराज हैं। नाबोआ में 13 सितंबर को डीजल की कीमत 1.80 डॉलर से बढ़कर 2.80 डॉलर प्रति गैलन हो गई, जिससे परिवहन और कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए। स्वदेशी संगठन कोंफेडरेशन ऑफ इंडिजिनस नेशनालिटीज ऑफ इक्वाडोर (CONAIE) के नेतृत्व में किसान, छात्र और नागरिक संगठन सड़कों पर उतर आए।

प्रदर्शनकारियों की क्या हैं मांगे?

प्रदर्शनकारियों की मांगे हैं- ईंधन सब्सिडी बहाल करना, वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को 15% से घटाकर 12% करना, अमेज़न के यासुनी क्षेत्र में तेल उत्पादन रोकना और लोमा लारगा जैसे खनन प्रोजेक्ट रद्द करना। CONAIE अध्यक्ष मार्लोन वर्गास ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो क्विटो में बड़ा मार्च होगा।

ये भी पढ़ें

“भारत से फिर हो सकता है युद्ध”, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

Updated on:
08 Oct 2025 03:49 pm
Published on:
08 Oct 2025 03:48 pm
Also Read
View All

अगली खबर