दुनियाभर में कल ईद उल-अज़हा मनाई जाएगी। लेकिन पाकिस्तान में ऐसे भी मुस्लिम हैं जिनके ईद मनाने पर रोक लगा दी गई है। कौन है वो मुस्लिम? आइए जानते हैं।
दुनियाभर में कल, शनिवार, 7 जून को ईद उल-अज़हा (Eid-al-Adha) मनाई जाएगी। इसे बकरीद (Bakrid) भी कहते हैं और यह मुस्लिमों का अहम त्यौहार है। इस दिन मुस्लिम सुबह की नमाज पढ़ने और दोस्तों-रिश्तेदारों को ईद की बधाई देने के साथ ही बकरे की कुर्बानी भी देते हैं। सभी इस्लामिक देशों में बकरीद धूमधाम से मनाई जाती है, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है। हालांकि पाकिस्तान (Pakistan) में सभी मुस्लिम यह त्यौहार नहीं मना सकते। पाकिस्तान में एक ऐसा मुस्लिम समुदाय भी है, जिस पर बकरीद मनाने पर रोक लगा दी गई है।
पाकिस्तान में रहने वाले अहमदिया मुस्लिम (Ahmadiyya Muslim) बकरीद का त्यौहार नहीं मना सकते। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में पुलिस अहमदिया समुदाय को बकरीद नहीं मनाने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस, इन अहमदिया मुस्लिमों को ईद के किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल ने लेने की भी चेतावनी दे रही है। इतना ही नहीं, इन अहमदिया मुस्लिमों को घर के अंदर भी बकरे की कुर्बानी देने से मना किया गया है। इसके लिए पुलिस, अहमदिया समुदाय से लिखित हलफनामे पर दस्तखत भी ले रही है, जो असंवैधानिक हैं।
पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में अहमदिया मुस्लिम अगर बकरीद मनाते पकड़े जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किए जाने की धमकी दी जा रही है। इतना ही नहीं, पकड़े जाने पर उन पर 5 लाख पाकिस्तानी रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों का जीवन आसान नहीं है। उनके मानवाधिकारों का हनन किया जाता है। उन्हें सार्वजनिक रूप से कुरान पढ़ने, नमाज अदा करने, मस्जिदों में जाने, अपने लिए मस्जिद बनाने और एक-दूसरे को सलाम बोलने तक से रोका जाता है। इतना ही नहीं, इन सब बातों के उल्लंघन पर उन्हें जेल की सज़ा भी दे दी जाती है।
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