फ्रांस में समाजवादियों को साधने के लिए मैक्रों की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। क्या है यह फैसला? आइए जानते हैं।
फ्रांस (France) की सरकार 2026 के बजट को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध तोड़ने के लिए अब वेल्थ टैक्स (संपत्ति कर) लाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू (Sebastien Lecornu) ने शुक्रवार को वामपंथी समाजवादी दल (सोशलिस्ट पार्टी) के नेताओं के साथ बैठक में यह प्रस्ताव रखा, जिसे वामपंथी नेताओं ने नाकाफी बताया है। लेकोर्नू को हाल ही में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने नियुक्त किया था और वेल्थ टैक्स की योजना भी उन्हीं की है।
फ्रांस की सरकार का मानना है कि वेल्थ टैक्स से अतिरिक्त राजस्व जुटाकर सामाजिक योजनाओं और बजट घाटे को संतुलित किया जा सकेगा। इस टैक्स का प्रस्ताव शुक्रवार को बिना मतदान के बजट पारित करने के लिए विशेष संवैधानिक शक्तियों के इस्तेमाल से इनकार करने के बाद आया है।
फ्रांस में यह वेल्थ टैक्स सिर्फ वित्तीय संपत्ति (जैसे–बॉन्ड, शेयर, जमा पूंजी) पर लगाया जाएगा। वहीं इसके एक प्रावधान के अनुसार कारोबारियों की पेशेवर संपत्ति (जैसे–फैक्ट्रियाँ, बिज़नेस एसेट्स) को इस दायरे से बाहर रखा जाएगा।
फ्रांस की संसद तीन खेमों - मध्यम मार्गी सरकार, समाजवादी और धुर दक्षिणपंथी पार्टियों में बंटी है। किसी भी दल के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में सरकार को बजट पारित कराने के लिए विपक्षी समर्थन जरूरी है। लेकोर्नू ने साफ किया कि वह संविधान के अनुच्छेद 49.3 का इस्तेमाल नहीं करेंगे। यह अनुच्छेद पीएम को बिना वोटिंग के बजट पास कराने की अनुमति देता है। इससे आशंका है कि इसके खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है।
सोशलिस्ट पार्टी ने वेल्थ टैक्स की पेशकश को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी और ठोस प्रस्तावों का इंतजार करेगी। सोशलिस्ट पार्टी का कहना है वो सिर्फ प्रक्रियागत बदलाव नहीं, बल्कि आम नागरिकों की ज़िंदगी में सुधार चाहती है। वहीं नेशनल रैली पार्टी ने अनुच्छेद 49.3 का इस्तेमाल न करने के फैसले का स्वागत किया है। माना जा रहा है कि वेल्थ टैक्स का प्रस्ताव समाजवादियों को मनाने की दिशा में एक शुरुआती कदम है, लेकिन बजट पास कराने के लिए सरकार को पेंशन सुधार और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भी रियायतें देनी पड़ सकती हैं।