अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर मिस्र में आज गाज़ा शांति सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्यौता दिया गया था, पर उनकी जगह केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इज़रायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच युद्धविराम होने के बाद अब मिस्र (Egypt) में आज, सोमवार, 13 अक्टूबर को होने जा रहा गाज़ा शांति सम्मेलन ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह सम्मेलन अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप की मध्यस्थता में तैयार किए गए गाज़ा युद्धविराम समझौते पर केंद्रित होगा। हालांकि इज़रायल और हमास, दोनों ही इस औपचारिक हस्ताक्षर समारोह में शामिल नहीं होंगे। इज़रायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी इज़रायली अधिकारी इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए उपस्थित नहीं रहेगा। वहीं हमास ने भी ट्रंप के प्रस्ताव के कुछ हिस्सों को ‘अव्यावहारिक’ बताते हुए सम्मेलन में शिरकत करने से इनकार कर दिया है। इसी बीच ट्रंप इज़रायल पहुंच गए हैं, जहाँ से वह मिस्र जाएंगे।
मिस्र में आयोजित गाज़ा शांति सम्मेलन में कई नेता शामिल होंगे। 20 से ज़्यादा देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य बड़े नेता इसमें शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भी गाज़ा शांति सम्मेलन में शामिल होने का न्यौता मिला था। हालांकि वह इसमें शामिल होने के लिए मिस्र नहीं जा रहे हैं। उनकी जगह केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) भारत (India) का प्रतिनिधित्व करेंगे। कीर्ति वर्धन, पीएम मोदी के विशेष दूत के रूप में गाज़ा शांति सम्मेलन में शामिल होंगे।